कोरबा (आईपी न्यूज)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में शिक्षा व्यवस्था में समुदाय के जुड़ाव के लिए एक अभियान चल रहा है, शिक्षा चौपाल। इसका मकसद सरकारी विद्यलायों में पढ़ने वाले छा़त्रों के अभिभावकों के साथ संबंधित गांव के लोगों के भीतर इस तरह की जागरूकता लाना और उन्हें जवाबेदह बनाना है कि वे ब़च्चों की पढ़ाई और स्कूल की व्यवस्था को बेहतर बनाने कदम बढ़ाएं। यह अभियान सीधे तौर पर सरकारी नहीं है बल्कि जिला शिक्षा अधिकारी की पहल पर प्राचार्यों एवं प्रधानपाठकों द्वारा संपादित कराया जा रहा है। खास बात यह है विद्यालयों की शाला प्रबंध समितियां भी अब इसमें रूचि लेने लगी हैं। इधर, सोमवार को विकासखण्ड करतला में स्थित ग्राम पंचायत नोनबिर्रा के बनियापारा मोहल्ले के प्राथमिक शाला में शिक्षा चौपाल लगी। डीईओ सतीश पांडेय ने गांव वालों से रूबरू होते हुए बताया कि उनका बच्चा पढ़ाई कर रहा है या नहीं, इसकी जांच कैसे करें। श्री पांडेय ने बकायदा इसका तरीका बताया और कहा कि इससे जरिए वे अपने ब़च्चों के अध्यापन कार्य पर निगरानी रख सकते हैं। अभिभावकों और अन्य ग्रामीणों को स्कूल की व्यवस्था ठीक चल रही है या नहीं, शिक्षक बच्चों को ठीक तरह से पढ़ा रहे हैं या नहीं, शिक्षक नियमित स्कूल आ रहे हैं या नहीं आदि को लेकर भी चर्चा की गई। डीईओं ने गांव के लोगों को बताया कि वे इसके लिए आपस में बारी बांध लें और प्रतिदिन स्कूल पहुंचकर इसकी निगरानी करें। स्कूल की जरूरतों को पुरा करने के लिए किस तरह काम किया जा सकता है, इसके लिए प्रेरित किया गया। शाला प्रबंध समिति की भूमिका को भी बताया गया। शिक्षा चौपाल में सरपंच बुंद कुंवर, शासकीय उमावि बलगीखार के प्राचार्य विवेक लांडे, शासकीय हाई स्कूल की प्राचार्य डा. फरहाना अली, शाला प्रबंध समिति की अध्यक्ष रजनी देवी उपस्थित थीं। शिक्षा चौपाल का संयोजन विद्यालय की शिक्षक फिरोजा खान, शंकरलाल सारथी ने किया। प्राथमिक शला कचांदी की प्रभारी प्रधानपाठक नमिता कड़वे, प्राथमिक शाला हिंगनझरिया के अशरफ खान आदि की उपस्थिति रही।
माता ही नहीं पिता ने भी बनाएं छत्तीसगढ़ी व्यंजन और जीता इनाम
शिक्षा चौपाल के दौरान गांव की महिलाओं के लिए रोचक प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थीं। इसमें सुई धागा और म्यूजिकल चेयर दौड़। छत्तीसगढ़ी व्यंजन स्पर्धा में छात्रों की माताओं के साथ पिताओं ने भी भागीदारी की। व्यंजन प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार राजेश्वरी को मिला। दूसरे नम्बर पर शांति देवी एवं तीसरा स्थान राजेश गुप्ता को मिला। स्वच्छ बालक, बालिका के मासिक पुरस्कार माताओें को प्रदान किए गए। उत्कृष्ट कहानी संकलन के विजेता छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया।
महिला स्वसहायता समूह ने दी सुआ नृत्य की प्रस्तुति
बनियापारा की महिलाओं के स्वसहायता समूह द्वारा सुआ नृत्य तथा प्राथमिक शालाओं के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।