नई दिल्ली: आईआईटी मद्रास, आईआईएससी बंगलुरू और आईआईटी दिल्ली उच्च शिक्षण संस्थानों की सूची में देश के तीन सबसे बड़े संस्थानों में से हैं. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को 10 श्रेणियों में ‘इंडिया रैंकिंग 2020’ जारी की.

एनआईआरएफ की ओवरऑल रैंकिंग में आईआईटी मद्रास ने पहला स्थान प्राप्त किया तो वहीं विश्वविद्यालयों की सूची में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (बंगलुरू) ने पहला स्थान हासिल किया.

इंजीनियरिंग संस्थानों की सूची में भी आईआईटी मद्रास ने पहला स्थान प्राप्त किया. प्रबंधन संस्थानों में आईआईएम अहमदाबाद ने पहला स्थान प्राप्त किया. सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जवाहरलाल यूनिवर्सिटी पहले नंबर पर है और जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने अपनी रैंकिंग में सुधार करते हुए 10वां स्थान हासिल किया है.

कॉलेजों की सूची में दिल्ली का मिरांडा हाउस को पहला स्थान प्राप्त हुआ है. फार्मेसी संस्थानों की सूची में दिल्ली का जामिया हमदर्द पहले स्थान पर है और मेडिकल संस्थानों की सूची में दिल्ली का एम्स पहले स्थान पर आया है.

आर्किटेक्चर संस्थानों में आईआईटी खड़गपुर को पहला स्थान प्राप्त हुआ है, लॉ संस्थानों में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (बेंगलुरु) को पहला स्थान प्राप्त हुआ है और डेंटल संस्थानों में दिल्ली के मौलाना आज़ाद इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंस पहले स्थान पर आया है.

एनआईआरएफ रैंकिंग की शुरुआत 2015 में तत्कालीन एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने की थी. 2020 में एनआईआरएफ रैंकिंग का यह पांचवा संस्करण है.

पोखरियाल ने यह रैंकिंग वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के द्वारा जारी की जिसमें मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा अपर सचिव राकेश रंजन, यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर डी.पी. सिंह, एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे, एनबीए के अध्यक्ष प्रोफेसर के. के. अग्रवाल, एनबीए सचिव डॉ अनिल कुमार नस्सा और उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘इस रैंकिंग से शैक्षिक संस्थानों को विभिन्न रैंकिंग मानकों पर अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने, अनुसंधान के क्षेत्र में कमियों को पहचानने तथा उन्हें सुधार में मदद करता है. रैंकिंग, उद्योगों और कॉर्पोरेटों को विभिन्न संस्थानों के विशिष्ट छात्रों को नियुक्त करने में भी मदद करती है.’

उन्होंने ये भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर संस्थानों की रैंकिंग, अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन एवं उच्च रैंक प्राप्त करने के लिए संस्थानों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करती है. यह रैंकिंग सभी उच्च शिक्षण संस्थानों की विभिन्न श्रेणियों में पांच मानकों के आधार पर उनके प्रदर्शन के आधार पर दी जाती है.

संस्थानों का मूल्यांकन पांच व्यापक मानकों: शिक्षण, शिक्षण और संसाधन (टीएलआर), अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास (आरपी), स्नातक परिणाम (जीओ), आउटरीच और विशिष्टता (ओआई) और धारणा (पीआर) के आधार पर होता है. यह इस रैंकिंग का पांचवा संस्करण है जिसमें नौ श्रेणियों में ‘डेंटल’ डोमेन को भी जोड़ा गया है.

इन पांच व्यापक मानकों में से प्रत्येक के लिए निर्धारित अंकों के आधार पर रैंक निर्धारित की जाती है. 3771 संस्थानों ने रैंकिंग में शामिल होने के लिए 5805 आवेदन दिए थे. इन संस्थानों में 294 विश्वविद्यालय, 1071 इंजीनियरिंग संस्थान, 630 प्रबंधन संसथान, 334 फार्मेसी संस्थान, 97 लॉ संस्थान, 48 आर्किटेक्चर संस्थान और 1659 सामान्य डिग्री कॉलेज शामिल हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनआईआरएफ में विशिष्ट मापदंडों को शामिल किया गया है, जैसे क्षेत्रीय विविधता, आउटरीच, महिलाओं और समाज के वंचित वर्गों का समावेश. उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि सभी मापदंडों और उप-मापदंडों को सामान्य रूप से सामान्यीकृत किया गया है, ताकि बड़े और पुराने संस्थानों को अनुचित लाभ न मिले.’

शिक्षा मंत्री निशंक ने रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन करने वाले संस्थानों को बधाई दी और बाकी संस्थानों को अगली रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया.

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