कोरबा (IP News). राख की उपयोगिता में छत्तीसगढ़ के कोरबा एवं सीपत में स्थित एनटीपीसी के संयंत्र पिछड़े हुए हैं। जबकि सेंट्रल सेक्टर के इन दोनों संयंत्रों को राख की शत प्रतिशत उपयोगिता करनी है।

राख की उपयोगिता को लेकर वित्तीय वर्ष 2019-20 के आंकड़े हाल ही में जारी हुए हैं। इसके अनुसार नेशनल थर्मल पाॅवर कारपोरेशन का कोरबा संयंत्र प्रबंधन द्वारा राख का 67.01 प्रतिशत ही उपयोग किया जा सका है। 2600 मेगावाट क्षमता वाले पाॅवर प्लांट से सालाना 49 लाख 97 हजार 600 टन राख उत्सर्जित होती है। उपयोगिता 33 लाख 48 हजार 700 टन की जा सकी।

एनटीपीसी कोरबा में बिजली उत्पादन के लिए सालाना एक करोड़ 37 लाख 48 हजार 600 टन कोयले का उपयोग किया जाता है। इस कोयले से 36.35 फीसदी राख निकलती है।

सीपत का रिकार्ड कोरबा से भी खराब

एनटीपीसी सीपत का रिकार्ड राख उपयोगिता के मामले कोरबा से भी कमजोर है। 2980 मेगावाट क्षमता वाले इस संयंत्र से सालाना 49 लाख 5 हजार 200 टन राख उत्सर्जित होती है। 2019-20 में 24 लाख 8 हजार 400 टन (49.10) राख का ही इस्तेमाल किया जा सका। सीपत में प्रतिवर्ष एक करोड़ 43 लाख 16 हजार 400 टन कोयले की खपत होती है। इस कोयले 34.26 प्रतिशत राख निकलती है।

 

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