Balco Smelter Plant, File Photo
Balco Smelter Plant, File Photo

कोरबा (IP News). खान मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा एल्यूमिनियम का आयात घटाने के ऐलान के बाद बालको के विस्तार परियोजना को लेकर उम्मीद जगी है। यहां बताना होगा कि भारत की 60 फीसदी एल्यूमिनियम की मांग आयात के जरिए पूरी होेती है। इस आयात में चीन की 16 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। आत्मनिर्भर भारत और चीन से तनाव के बाद एल्यूमिनियम का आयात कम करने की बात कही गई है।

देश के एल्यूमिनियम उत्पादन में 40 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी वेदांता की है। कंपनी के बालको व झारसुगड़ा संयंत्र की 23.20 लाख सालाना उत्पादन क्षमता है। इसके बाद हिंडाल्को व नालको का नम्बर आता है। इधर, भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड बालको के स्मेल्टर संयंत्र विस्तार का मामला लटका हुआ है। 5.10 लाख टन का नया स्मेल्टर प्लांट प्रोजेक्ट को अंतिम रूप दे दिया गया था। 2018 में पर्यावणीय स्वीकृति हेतु तारीख भी तय हो चुकी थी। इस बीच तुतीकोरिन, तमीलनाडू स्थित वेदांता के स्टरलाइट काॅपर प्लांट के विस्तार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद संयंत्र को बंद करने का आदेश दिया गया। इस घटना को देखते हुए बालको प्रबंधन ने समेल्टर विस्तार संयंत्र की जनसुनवाई को टाल दिया। बताया गया है कि शासन स्तर से इस तरह निर्देश मिले थे।

7927 करोड़ की लागत से स्थापित होेना था संयंत्र, चीन की कंपनी से हुआ था करार

बालको में वर्तमान में 2.45 तथा 3.25 लाख टन सालाना क्षमता वाले दो स्मेल्टर संयंत्र प्रचालन में है। 5.10 लाख टन क्षमता वाला नया स्मेल्टर संयंत्र लगाया जाना था। संयंत्र स्थापना के लिए चीन की कंपनी गुयांग एल्यूमिनियम एंड मैग्निशियम डिजाइन इंस्टीटयूट कंपनी के साथ करार किया गया था। नए स्मेल्टर संयंत्र की अनुमानित लागत सात हजार 927 करोड़ रुपए थी। बालको प्रबंधन के अनुसार इस संयंत्र के प्रचालन में आने पर 1050 लोगोें को रोजगार मिलता।

TOR की अवधि सितम्बर में हो रही खत्म

बताया गया है स्मेल्टर विस्तार संयंत्र के TOR (Terms of Reference) की अवधि 18 सितम्बर, 2020 को खत्म हो रही। तीन वर्ष के लिए 19 सितम्बर, 2017 केा टीओर जारी किया गया था।

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