जापान क्षतिग्रस्त फुकुशीमा परमाणु संयंत्र से दस लाख टन से अधिक विषाक्त जल समुद्र में छोड़ेगा। यह जानकारी आज जापान सरकार की ओर से दी गई।

इस काम में दो वर्ष लगेंगे, क्योंकि इसे अंजाम देने से पहले संयंत्र संचालक तोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर को जल से हानिकारक आइसोटॉप्स दूर करने, अपेक्षित ढांचा तैयार करने और नियामक से अनुमति लेने जैसी औपचारिकताएं पूरी करने में समय लगेगा।

जापान ने कहा है कि विषाक्त पानी को छोड़ना अनिवार्य हो गया है, क्योंकि 2011 के भूकम्प और सुनामी के कारण क्षतिग्रस्त हुए परमाणु संयंत्र को हटाने के लिए ऐसा करना आवश्यक है।

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