बिहार के भागलपुर और अररिया जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में आग लगने की घटना में 9 मासूम बच्चों की जान चली गई। भागलपुर में आग लगने की घटना में जहां तीन बच्चों की मौत हुई है, वहीं अररिया जिले में झोंपड़ी में पुआल के ढेर में लगी आग की चपेट में आने से छह बच्चों की झुलसकर जान चली गई।

भागलपुर जिले के पीरपैंती थाना क्षेत्र में सोमवार की देर रात एक घर में आग लग जाने की घटना से एक ही परिवार के तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई। जब यह घटना घटी तब पूरा परिवार एक साथ ही सोया हुआ था। कहलगांव के भूमि सुधार उपसमाहर्ता संतोष कुमार ने बताया कि सोमवार की रात अठनियां गांव निवासी लालमुनी मंडल अपने पूरे परिवार के साथ अपने घर में सोए हुए थे कि अचानक घर में आग लग गई।

उन्होंने बताया कि आसपास के लोग काफी मशक्कत के बाद आग बुझाने में कामयाब हुए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इस घटना में घर में सोए प्रिया कुमारी, आशीष कुमार और नैना कुमारी की झुलसकर मौत हो गई, जबकि लालमुनी मंडल और उनकी पत्नी गंभीर रूप से झुलस गए हैं।

इधर, अररिया जिले के पलासी थाना क्षेत्र में मंगलवार की दोपहर एक झोंपड़ीनुमा घर में खेल रहे छह बच्चों की आग से झुलसने से मौत हो गई। मृतकों की उम्र 2 से 5 साल बताई जा रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कवैया गांव में मंगलवार को करीब 12 बजे दिन में गांव के छह बच्चे झोंपड़ीनुमा घर में खेल रहे थे और आग जलाकर गेहूं की बाली सेंक रहे थे। वहीं पर मवेशियों का सूखा चारा रखा हुआ था।

अधिकारी ने बताया कि इसी दौरान आग की एक चिंगारी से सूखे चारे में आग लग गई और सभी मासूम बच्चे इसी आग में घिर गए। बच्चे कुछ समझ पाते तब तक इन्हें आग ने अपनी चपेट में ले लिया और इनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस क्रम में बच्चों की चीख सुनकर परिवार वाले मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

अररिया के प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक और पलासी के थाना प्रभारी एजाज हफीज ने बताया कि मृतकों की पहचान अफसर (5), गुलनाज (2), दिलाबर (4), बरकस (3), अली हसन (4) और खुशनेहा (3) के रूप में हुई है। सभी मृतकों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।

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