वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि स्वेज नहर के अवरुद्ध होने की स्थिति से निपटने के लिए चार सूत्री योजना बनाई गई है।

वाणिज्य विभाग के लॉजिस्टिक्स डिविजन के विशेष सचिव पवन अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह योजना तैयार की गई। इसके अनुसार भारतीय निर्यात संघ, समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण तथा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण कार्गो विशेष रूप से खराब होने वाली वस्तुओं की संयुक्त रूप से पहचान कर प्राथमिकता के आधार पर उन्हें आगे भेजने के लिए जहाज़ कंपनियों के साथ मिलकर करेंगे।

मंत्रालय ने कहा कि कंटेनर शिपिंग लाइन्स एसोशिएशन – सी.एस.एल.ए. ने आश्वासन दिया है कि मौजूदा अनुबंधों के अनुसार ही मालवहन दरें ली जाएंगी। इस संकट काल में जहाज कंपनियों से माल ढुलाई दरों में स्थिरता बनाए रखने का अनुरोध किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि मार्ग अवरोध समाप्त हो जाने पर उम्मीद है कि कुछ बंदरगाहों विशेष रूप से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट, मुंद्रा और हजीरा बंदरगाहों पर माल एकत्रित किया जा सकता है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भी इन बंदरगाहों को परामर्श जारी करने का आश्वासन दिया है ताकि आगामी व्यस्त अवधि में माल ढुलाई की समुचित व्यवस्था और कुशल संचालन सुनिश्चित हो सके।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि 23 मार्च 2021 से स्वेज नहर का मार्ग अवरुद्ध होने से वैश्विक व्यापार पर गंभीर असर पड़ रहा है। इस मार्ग से उत्तरी अमरीका, दक्षिण अमरीका और यूरोप से भारत की लगभग 200 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात-निर्यात होता है।

बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि स्वेज नहर के उत्तर और दक्षिण तटों पर 200 से अधिक माल वाहक जहाज खड़े हैं और रोजाना लगभग 60 और जहाज़ इन तटों पर पहुंच रहे हैं।

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