कोरबा (IP News). बुधवार को छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक छोटे हाथी की मौत हो गई। कोरबा वनमंडल अंतर्गत कुदमुरा वनपरिक्षेत्र में बीते 25 दिनों से इस हाथी का इलाज चल रहा था। राज्य में हाथियों की एक माह में यह सातवीं मौत है।

अर्द्धवयस्क हाथी के उपचार के लिए बैंगलुरू से वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डाॅ. अरूण ए. शाह एवं डाॅ. प्रयाग एच. एस. भी आए थे। हाथी को स्पेशल ट्रीटमेंट के साथ विशेष डाइट दी जा रही थी। हाथी के स्वास्थ्य पर कलेक्टर सहित वन विभाग के आला अधिकारी नजर रखे हुए थे।

डाॅ. अरूण शाह ने बताया था कि हाथी के पेट में कीड़ो का संक्रमण था जिसके कारण वह कुछ खा पी नहीं पा रहा था। हाथी जल्दी रिकवर हो इसके लिए उसे दवाइयों के साथ ही विशेष आहार भी दिया जा रहा था। हाथी के मलमूत्र, खून और गले की लार भी विशेष जांच के लिए रायपुर स्थित लैब भेजा गया था। हाथी को स्पर्श चिकित्सा के लिए अंबिकापुर ले जाने की तैयारी थी। इधर, तमाम उपाय व इलाज के बाद भी हाथी को नहीं बचाया जा सका।

यहां बताना होगा कि हाथी 14 जून को अपने झूंड से बिछडकर कठराडेरा गांव में एक ग्रामीण के घर में घूस गया था और पेट के बल लेट गया था। प्रारंभिक तौर पर कोरबा में उपलब्ध विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों ने हाथी की जीवन रक्षा के जरूरी प्राथमिक उपचार किया था। बाद में कलेक्टर व उच्चाधिकारियों के निर्देशन पर हाथी को रेस्क्यु करने के लिए कोरबा तथा बिलासपुर से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम भी कठराडेरा पहुंची थी। बताया गया है कि शुरुआत में हाथी का इलाज शुरू करने में काफी विलंब हुआ था।

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