• नरेश बंसल, सांसद (राज्य सभा)

कुछ लोग अपने शौर्य, पराक्रम, संकल्प और शानदार कार्य प्रदर्शन से इतिहास में गरिमामयी स्थान पाते हैं और कुछ अपनी शख़्सियत से इतिहास बनाते हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र – भारत के संसदीय इतिहास में 14 मई, 2014 का दिन एक स्वर्णिम दिवस है जब भारतीय संसद में पहली बार चुने गए, श्री नरेंद्र मोदी ने अपना पहला कदम लोकतंत्र के मंदिर में रखा और पहली सीढ़ी पर अपना सिर नवाकर ईश्वर की कृपा और 135 करोड़ भारतीयों के आशीर्वाद के लिए अपना सम्मान अभिव्यक्त किया। भारत के १४ वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले श्री नरेंद्र मोदी ने, संसद के सदस्य के रूप में अपने पहले ही अवसर पर प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली जो पूरे विश्व में एक विस्मरणीय घटना है । 26 मई, 2014 को कार्य भार ग्रहण करने वाले मोदी जी का एकमात्र लक्ष्य माँ भारती का सम्मान और गौरव है और संकल्प है देश के हर नागरिक की ख़ुशहाली।

आठ वर्ष पूर्व ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भारत अस्थिरता के गम्भीर कगार पर है। बडे पैमाने पर हो रहा भ्रष्टाचार, बार-बार होने वाले आतंकी हमले और कमजोर अर्थ व्यवस्था अत्यधिक चिंतनीय अवस्था में थे । भारत की वैश्विक रैंकिंग लगातार गिर रही थी। यह वह समय था जब भारतीय नागरिकों का सरकार और संस्थानों पर से भरोसा उठ रहा था। नरेंद्र मोदी जी ने उस महत्वपूर्ण मोड़ पर बागडोर संभाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को शासन में 8 साल पूरे होने पर देश भर में जश्न मनाये जा रहे हैं ; प्रधान सेवक के रूप में श्री मोदी ने एक भी दिन अवकाश नहीं लेते हुए सतत रूप से समर्पित हो कर कार्य किया है ।मोदी जी ने विदेशों में भारत के गौरव का परचम लहराया है । भारत की सुरक्षा , आर्थिक प्रगति , युवा विकास , किसानों की ख़ुशहाली और भारत के करोड़ों गरीब नागरिकों के जीवन की बेहतरी के लिए अपनी पूरी शक्ति और सामर्थ्य लगा दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 मई, 2019 को अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ ली थी। वह पहली बार 26 मई, 2014 को भारत के प्रधानमंत्री बने थे । नरेंद्र मोदी जी ने 2014 से देश की बागडोर संभाली और तभी से भारत अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करते हुए न केवल उन पर काबू पा रहा है, बल्कि हर बार इन चुनौतियों पर विजय प्राप्त करते हुए सुशासन में नए स्वॢणम मानक स्थापित कर रहा है, जिनका विश्व के अन्य देश अनुसरण कर सकते हैं। यदि 8 वर्षों में प्रधानमंत्री पर जनता के भरोसे का का आंकलन किया जाए तो हम पाएंगे कि ये भरोसा सतत् रूप से बढ़ा है।

एक आम नागरिक के मन में ये विश्वास जागा है कि सरकार चलाने के मोदी – सुशासन में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है। आर्थिक योजनाओं का सीधा – सीधा लाभ लाभार्थियों तक पहुँचाने के लिए बनायी गई नई व्यवस्थाओं में बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर दिया गया है ताकि योजनाओं का लाभ सीधे – सीधे जनता तक पहुँच सकें । सत्ता के गलियारों से भ्रष्टाचार गायब है । इस देश ने अरबों रुपए के घोटालों में मंत्रियों, सांसदों और मुख्यमंत्रियों को जेल जाते देखा है लेकिन पिछले 8 वर्षों में सत्ता पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं लगा है ; शासन ने किसी को भी कोई उंगली उठाने का अवसर नहीं दिया है। प्रधानमंत्री का कहना बिल्कुल सत्य है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐसा कोई गलत काम नहीं किया जिससे देशवासियों को सिर झुकाना पड़े।

वैश्विक महामारी का प्रबंधन करना हो, आतंकवाद से लडऩा हो या अपने नागरिकों को विदेशी धरती पर सबसे प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाना हो, मोदी सरकार ने जन आकांक्षाओं के अनुरूप ही कार्य किया है।सरकार ने गरीबों की सेवा, सुशासन और गरीब के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने, तीन तलाक को ’अपराध’ बनाने, पीओके में सर्जिकल स्ट्राकल करने, जीएसटी लागू करने, नागरिकता संशोधन कानून लागू करने , करीब 80 करोड़ भारतीयों को कोरोना महामारी के दौरान नागरिकों को मुफ्त अनाज देने, गरीबों को पक्के घर देने और आयुष्मान भारत योजना ऐसे फैसले रहे जिनसे न केवल राष्ट्र मजबूत हुआ बल्कि यह साबित हुआ कि सरकार की नीतियां और नीयत समर्पित सुशासन की है , उनमें कोई खोट नहीं है । सृजनात्मक कल्याणकारी योजनाओं ने देश का चेहरा बदला है।

पी एम नरेंद्र मोदी जी ने सत्ता को सेवा का माध्यम मानकर गरीबों, किसानों, महिलाओं व वंचितों को उनके अधिकार दिए जिससे लोकतंत्र में उनका विश्वास जगा और वो देश की विकास यात्रा में सहभागी बने । गत 8 सालों में नरेंद्र मोदी जी ने देश  के हर नागरिक के सपनों व आकांक्षाओं को पंख देकर उनमें नया आत्मविश्वास जगाया है । मोदी जी ने अपने सक्षम नेतृत्व व दृढ़ इच्छाशक्ति से न केवल देश की सुरक्षा को सशक्त किया है बल्कि कई ऐसे निर्णय लिए जिससे हर देशवासी का सिर गर्व से ऊंचा उठा । प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के आठ वर्ष उपलब्धियों और सफलताओं से परिपूर्ण रहे हैं।

जन-विश्वास को आधार बना कर, इन वर्षों में विकास, सुशासन और जन कल्याण के नए प्रतिमान स्थापित किए गए हैं । इन आठ सफल वर्षों में भारत की विश्व में एक नई पहचान बनी है. आज भारत पूरे विश्व में एक स्वाभिमानी और मज़बूत नेतृत्व वाले देश के रूप में पहचाना जा रहा है । इस बड़े बदलाव का श्रेय हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व और उनकी संकल्प शक्ति, सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को जाता है । समस्त देशवासियों ने लगातार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व, उनकी विकास और सुशासन की नीतियों के प्रति अपना विश्वास और समर्थन व्यक्त किया है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार चुस्त और संवेदनशील रही है और कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कार्य किया जिसमे जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक के संदर्भ में लिए गए साहसिक फैसलों के चलते जनता राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ी है। आतंकवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ-साथ गृहमंत्री अमित शाह को भी जाता है। है।

जम्मू-कश्मीर बना भारत का अभिन्न अंग और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने, तीन तलाक को ’अपराध’ बनाने, पीओके में सर्जिकल स्ट्राकल करने, जीएसटी लागू करने, नागरिकता संशोधन कानून, अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण, दिव्य कशी भव्य काशी का सपना हुआ साकार, बाबा केदारनाथ धाम का पुनरुद्धार, सोमनाथ का विकास, स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी का निर्माण लौह पुरुष को सम्मान, बाबा साहब भीमराव से जुड़े पंचतीर्थ का निर्माण, आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित जनजातीय संग्रहालय का निर्माण, संविधान दिवस, सामाजिक समरसता दिवस, विभाजन विभीषिका दिवस, राष्ट्रीय एकता दिवस, जनजातीय गौरव दिवस और योग दिवस की शुरुआत, नेशनल वॉर मेमोरियल और प्रधानमंत्री संग्रहालय का निर्माण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नमामि गंगे -’ गंगा नदी का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40% आबादी गंगा नदी पर निर्भर है अतः गंगा की सफाई, गरीब सवर्णों को आरक्षण, ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता, वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन, वन राशन कार्ड, 1450 पुराने और बेकार कानूनों से मिली जनता को राहत, ऐतिहासिक श्रम सुधार क़ानून क्रियान्वित । ई-श्रम कार्ड से करोड़ों मजदूरों को लाभ, संस्कृति को दिया । उन्होंने सभी समस्याओं का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान कर राष्ट्र को विकास की धारा के साथ जोड़ दिया।

सेवा की बात की जाए तो कोरोना के इस वैश्विक संकट में देश के सभी नागरिकों के लिए टीके के दोनों डोज मुफ्त देने की सेवा से लेकर समूचे देश के पीड़ितों तक चिकित्सा एवं अन्य तमाम राहत समग्री की सेवा जिस प्रधानमंत्री ने अपना पदनाम ही प्रधान सेवक रख लिया हो, उसके संवेदनशील नेतृत्व में केंद्रीय सत्ता और संगठन को सेवा का पर्याय ही बना दिया गया। सुशासन जिसमे समूचा देश आज लगभग दंगामुक्त हो गया है साम्प्रदायिक और तुष्टिकरण की राजनीति को विराम लगा है कश्मीर से कन्यामुमारी तक भारत की एकता और अखंडता जितनी आज मज़बूत है, वैसा पहले कभी नहीं रही दुनिया भर में आज पीएम मोदी के सुशासन की पहचान है अनेक वैश्विक संगठनों ने मोदी जी को विश्व के सर्वश्रेष्ठ नेता का ख़तिब दिया है यह हम सबके लिए गर्व की बात है।

भले ही महामारी एक आकस्मिक घटना थी, लेकिन इसके खिलाफ मोदी सरकार की प्रतिक्रिया अप्रत्याशित थी। हर स्तर पर मोदी सरकार महामारी के पूर्व के वर्षों में किए गए आधारभूत कार्यों का पूरा लाभ उठा रही थी। उदाहरण के लिए जनधन,आधार, मोबाइल तिकड़ी द्वारा प्रदत्त डिजिटल पुश आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति को सेवाएं देने में एक शक्तिशाली उपकरण साबित हुआ। भारत का टीकाकरण अभियान व्यवस्थित, पारदर्शी और तेज गति वाला था। कुछ ही महीनों में, सारी वयस्क आबादी को कोविड टीकाकरण की 2 खुराकें मुफ्त में मिल चुकी थीं, जिससे सामान्य स्थिति स्थापित करने में तेजी आई।

वैश्विक महामारी के दौरान, जब बार-बार लगाए गए लॉकडाऊन लोगों को, विशेष रूप से गरीबों के जीवन में व्यवधान पैदा कर रहे थे, मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया कि कोई भी भूखा न रहे । मार्च 2020 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त में उपलब्ध कराया गया।देश के 80 करोड़ से अधिक नागरिकों तक अनवरत खाद्यान की आपूर्ति कोरोना के वैश्विक संकट के दौरान सुनिश्चित करते रहने से बड़ा गरीब कल्याण और क्या हो सकता है भला? पीएम मोदी ने सभी गरीबों के सर के छत की चिंता की, शुद्ध नल जल उपलब्ध कराने से लेकर उन्हें आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त चिकित्सा से लेकर तमाम कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें जोड़ा पिछले 8 वर्षों में देश की गरीबी 22% से घट कर से 10% से नीचे आ गई है।

कोरोना संकट के बावजूद अत्यंत गरीबी की दर भी 1% से कम 0.8% पर स्थिर बनी हुई है।दस करोड़ से अधिक परिवारों को ओडीएफ से मुक्ति, उज्ज्वला योजना के तहत 9 करोड़ से अधिक महिलाओं को धुएं से मुक्ति, 2.5 करोड़ से अधिक परिवारों को बिजली, 6 करोड़ से अधिक परिवारों को नल का पानी। यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं बल्कि जनता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का ही परिणाम है। जन धन से आयुष्मान भारत तक, पी.एम. किसान से पी.एम. आवास तक, स्वच्छ भारत से जल जीवन तक, मोदी द्वारा प्रतिपादित ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का दर्शन भारत में होने वाले बदलावों के लिए अंतॢनहित शक्ति है।

यदि कोई एक भावना, जो मोदी सरकार के पिछले 8 वर्षों को समाहित कर सकती है, वह है ‘सेवा की भावना’ या लोगों के कल्याण के लिए पूर्ण समर्पण। वर्ष 2014 के बाद अगर कोई सबसे बड़ी विजय है तो वह है लोगों का अब सरकार और भारतीय लोकतंत्र की शक्ति पर भरोसा बहाल करना। 8 साल की यह यात्रा देश की सोच को बदलने की यात्रा है ; अब आम जनमानस में यह धारणा बनी है कि मोदी है तो मुमकिन है। पहले सरकार जनता से कहती थी- “हुआ तो हुआ”। अब जनता कह रही है दृ जो कभी नहीं हुआ, वह मोदी जी के शासन काल में हुआ। ये आत्मनिर्भर भारत की यात्रा है, विश्वगुरु के पद पर भारत के प्रतिष्ठित करने का मार्ग बनाने की यात्रा है। 8 वर्ष की यह यात्रा आत्मनिर्भर भारत की “संकल्प से सिद्धि” के रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत देश का रास्ता भी है और संकल्प भी। आत्मनिर्भरता में देश के अनेक मुश्किलों का हल है।

काग़ज़ी योजनाओं का युग अब समाप्त हुआ । आज प्रधानमंत्री स्वयं महत्वपूर्ण परियाजनाओ की गुणवत्ता और समय अवधि में पूरा होने के लिए लगातार निगरानी रखते हैं और मार्ग दर्शन करते हैं ।

आज जनता यह देख रही है कि जिस योजना का शिलान्यास होता है, वह योजना उसी कार्यकाल में पूरी भी होती है। बीते 8 वर्ष कागज़ से क्रियान्वयन और अमलीकरण की यात्रा के रहे हैं। पीएम मोदी की हर योजना अंतिम लाभार्थी तक पहुँचने के परिणाम यह रहे हैं कि : 8 वर्षों में देश की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है। 2014 में 79 हजार रुपये सालाना, अब डेढ़ लाख रुपये हो गया है। एक के बाद एक व्यवधानों के बावजूद भारत ने सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है। कोविड के कारण उत्पन्न मंदी के बावजूद पिछले वित्त वर्ष में 418 अरब डॉलर का रिकॉर्ड निर्यात वित्तीय वर्ष 2021-22 के दस महीने में भारत के कृषि निर्यात में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2009 से 2014 (मनमोहन सरकार) के पांच सालों में कृषि बजट में 8.5% की वृद्धि हुई थी, वहीं 2014 से 2019 के बीच कृषि बजट में 38.8% की वृद्धि हुई। 2009-10 में मनमोहन सरकार में जो कृषि बजट था, अब वह 10 गुना बढ़ गया है। 2013-14 में भारत की जीडीपी 112.33 लाख करोड़ रुपये के आसपास थी। आज भारत की जीडीपी दोगुने से भी अधिक यानी 232.14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।

खादी के विकास के लिए आजादी के 70 सालों तक कोई काम नहीं हुआ। प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद पहली बार खादी उत्पादों ने एक साल में 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया है।2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह बढ़ कर 83.57 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र ने प्रत्यक्ष विदेशी इक्विटी निवेश की भागीदारी दर्ज की। कोविड के बाद भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो भारत की विकास गाथा में वैश्विक विश्वास को दर्शाती है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। विदेशी मुद्रा भंडार भी लगभग दोगुना हुआ है। 2014 में 300 अरब डॉलर, अब लगभग 600 अरब डॉलर आजादी के 70 साल में देश में केवल 6.37 लाख प्राइमरी स्कूल बने जबकि पीएम मोदी की सरकार के केवल 8 वर्षों में 6.53 लाख प्राइमरी स्कूल बने। विगत 8 वर्षों में देश में 15 नए एम्स का निर्माण हुआ जबकि आजादी से 2014 तक देश में केवल 7 एम्स थे, उसमें से भी 6 अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में बने। डॉक्टरों की संख्या भी पिछले 8 साल में 12 लाख से ज्यादा बढ़ी है। 8 साल में लगभग 170 नए मेडिकल कॉलेज बने।

मोदी सरकार उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर ज़ोर दे रही है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल भारत में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के हमारे चार स्तंभों पर आधारित है। नई कार्यविधिः ‘मेक इन इंडिया’ का मानना है कि उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक सबसे महत्वपूर्ण बात ‘कारोबार करने की सुविधा’ है। कारोबारी माहौल को आसान बनाने के लिए कई इनीशिएटिव पहले ही शुरू किए जा चुके हैं। इसका उद्देश्य पूरे कारोबारी चक्र के दौरान इंडस्ट्री को डी-लाइसेंस और डी-रेग्युलेट करना है।मोदी सरकार ने स्टार्टअप इंडिया और वैंचर कैपिटल फंडिंग की शुरूआत की और सरकार की पहल से ही इस वर्ष स्टार्टअप की संख्या 66000 हो गई और यूनिकार्न की संख्या 100 के पार चली गई। मेक इन इंडिया अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया गया ।आज रक्षा क्षेत्र सहित कई अन्य क्षेत्रों में भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।

देश के कर्मयोगी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने भारत में नई शिक्षा नीति लागू की जो देशके विद्यार्थियों और युवा शक्ति में एक नई आशा और ऊर्जा का संचार कर रही है । भारत सरकार ने इसी कोरोंना के दरमियान अपनी को जारी रखते हुए नई शिक्षा नीति लागू की जिसके देश के भविष्य पर दूरगामी प्रभाव होंगे।

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य मुख्य रूप से निवेश में पर्याप्त वृद्धि और नई पहल के साथ 3-6 वर्ष के बीच के सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा तय करना है। मेरे लिए पांच प्रमुख बातों में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम, स्कूली शिक्षा के लिए 100þ नामांकन अनुपात प्राप्त करना, लॉ और मेडिकल एजुकेशन के अलावा समूची उच्च शिक्षा के लिए सिंगल रेगुलेटर, विज्ञान, कला, मानविकी, गणित और व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए एकीकृत शिक्षा और वर्ष 2025 तक 50þ छात्रों को वोकेशनल शिक्षा प्रदान करना शामिल हैं। इनमें भी सबसे महत्वपूर्ण मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम है। अभी यदि कोई छात्र छह सेमेस्टर इंजीनियरिंग पढ़ने के बाद किसी कारण से आगे की पढाई नहीं कर पाता है तो उसको कुछ भी नहीं मिलता। अब एक साल के बाद पढाई छोड़ने पर सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा व तीन-चार साल के बाद पढ़ाई छोड़ने के बाद डिग्री मिल जाएगी। देश में ड्रॉप आउट रेश्यो कम कम करने में इसकी बड़ी भूमिका होगी। नई शिक्षा नीति से देश में रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा व रटकर पढ़ने की संस्कृति खत्म होगी।

नई शिक्षा नीति तय करेगी कि हमारे छात्र नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनेंगे। एक स्वायत्त निकाय बनाया जाएगा। जो शिक्षा के सभी स्तरों में प्रौद्योगिकी का उपयुक्त एकीकरण करेगा ।

यह शिक्षा नीति वैज्ञानिक सोच पर आधारित होगी लेकिन उसमें भारतीय जीवन मूल्य भी रहेंगे तथा यह डिजिटल भी होगी और दूरवर्ती भी होगी इसके साथ ही यश अनुसंधान और नवाचार को भी बढ़ावा देगी और विद्यार्थियों की रचनात्मकता और कौशल को निख़ारेगी।

नयी शिक्षा नीति के लागू होने से भारत दुनिया में ज्ञान की एक ’महाशक्ति’ के रूप में उभरेगा और शिक्षा के क्षेत्र में एक वैश्विक ब्रांड बनेगा देश में पहली शिक्षा नीति 1968 में बनी थी उसके बाद दूसरी 1986 में और उसके 34 साल बाद यह नयी शिक्षा नीति आई है जिससे शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन होगा और यह शिक्षा नीति भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाएगी तथा पूरी दुनिया में भारत शिक्षा के क्षेत्र में एक ब्रांड के रूप में उभरेगा।

इन गौरवमयी 8 सालों में भारत का सड़क नेटवर्क दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुँच गया। पिछले 8 साल में पीएम मोदी की सरकार ने लगभग तीन लाख 25 हजार किमी सड़क निर्माण को मंजूरी दी है। सौर और पवन ऊर्जा में भारत की क्षमता बीते पांच सालों में दोगुनी हुई। 2012-13 में देश में खाद्यान्न का उत्पादन 255 मिलियन टन था जो 2021-22 में बढ़ कर 316.06 मिलियन टन हो गया है। यह आजादी के बाद अब तक का रिकॉर्ड उत्पादन है।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था, दिल्ली से निकला एक रुपया ज़मीन पर मात्र 10 पैसा बन कर पहुंचता है, अब डीबीटी के तहत शत-प्रतिशत पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाना संभव हुआ है जीरो लीकेज 8 वर्षों में लाभार्थियों को अब तक नरेन्द्र मोदी सरकार ने 225 ख़रब रुपये ट्रांसफर किये हैं जो गरीबों के सशक्तिकरण का एक प्रमुख टूल बन कर उभरा है। श्र।ड (जन-धन, आधार और मोबाईल) ने लाभार्थियों तक शत-प्रतिशत सरकारी सहायता का पहुंचना सुनिश्चित किया है। पहली बार किसी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था और जीडीपी को आम जनता से जोड़ा। उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत अभियान, जल जीवन मिशन, गरीब कल्याण अन्न योजना, किसान सम्मान निधि, आयुष्मान भारत और सौभाग्य योजना के कारण देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हुई और मंदी के बावजूद देश की विकास दर दुनिया में सर्वाधिक बनी रही। गरीब कल्याण अन्न योजनाः पिछले दो वर्षों से मोदी सरकार 3.40 लाख करोड़ रुपये की लागत से देश के लगभग 80 करोड़ लोगों तक जरूरी राशन मुफ्त पहुंचा रही है। यह दुनिया की सबसे बड़ी खाद्यान्न वितरण योजना है।

देश के 12 करोड़ से अधिक किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दे रहे हैं। अब तक 11 किस्तों में किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए जा चुके हैं। इसके अलावा एमएसपी पर धान खरीदी से लेकर उर्वरकों पर 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है एक बोरा यूरिया पर 3 हज़ार से अधिक तो डीएपी पर 2 हज़ार से अधिक अनुदान पीएम मोदी दे रहे हैं। देश के लगभग 55 करोड़ लोगों को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा है। अब तक तीन करोड़ से अधिक लोग लाभ ले चुके हैं और 18 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किया गया है। 9 करोड़ से अधिक घरों में नल से जल पहुंचाने की शुरुआत हो गई है। इस वर्ष लगभग चार करोड़ घरों को इससे जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

जब कोरोना महामारी पर नियंत्रण बेहतर हो रहा था, ठीक उसी समय दुनिया के सामने रूस-यूक्रेन युद्ध आ गया। हजारों की संख्या में भारतीय छात्रों ने खुद को युद्ध की स्थिति के बीच फंसा पाया। मोदी सरकार ने बिना किसी देरी के सभी संभव संसाधन जुटाए और रूस तथा यूक्रेन, दोनों देशों के साथ भारत के संबंधों का लाभ उठाते हुए, सबसे कठिन और सबसे बड़े बचाव अभियानों में से एक को अंजाम दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों के बचाव अभियान को तीव्र गति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों को यूक्रेन की सीमाओं पर भेजा। यह सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण ही है कि 22,500 भारतीय छात्र सुरक्षित भारत लौट कर अपने परिवारों से मिल सके। पिछले 8 वर्षों में वंदे भारत मिशन, ऑप्रेशन राहत सहित भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के लिए अभियानों में सरकार चट्टान की तरह अपने नागरिकों के साथ खड़ी रही।

2014 से पहले समस्याओं को ही नियति मान लिया गया था। देश की जनता ने तो यह सोचना ही छोड़ दिया था कि ये समस्याएं कभी ख़त्म भी हो सकती हैं। लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी की मंशा ही कुछ और थी। पिछले 8 वर्ष जन आकांक्षाओं को पूरा करने के रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सफलता के पीछे क्या कारण हैं जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक भारत में उन्हें अब तक अपराजय बना डाला है। प्रधानमंत्री मोदी की सफलता के पीछे पीसीसी है। पीसीसी यानि प्रसैप्शन, कम्युनिकेशन और कनैक्शन। प्रधानमंत्री मोदी में ऐसी विलक्षण बाते हैं जिनसे उनका राजनीतिक कद काफी ऊंचा हो चुका है। प्रधानमंत्री पर लोगों का भरोसा इसलिए बढ़ा है क्योंकि वे लोगों से उन्हीं की भाषा में सीधा संवाद करते हैं और लोगों के साथ उनका यह कनैक्शन उन्हें सफलता दिलाता है।

मोदी की धमक पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। आज पूरी दुनिया में यह धारणा बन चुकी है कि मोदी एक कुशल और अनुभवी नेता हैं। प्रधानमंत्री का लगातार मन की बात कार्यक्रम करना, वर्चुअल मीटिंगों के जरिये सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत करना, खिलाड़ियों से लेकर बुद्धिजीवियों तक सीधा संवाद करना। उनकी विल्क्षण प्रतिभा है जिससे वे सीधे लोगों से जुड़े हुए हैं।

उनकी सरकार में कहीं भी नीतिगत अपंगता नजर नहीं आती और सरकार ने एक के बाद एक साहसिक फैसले लिए जिससे देश की प्रतिष्ठा बढ़ी।कोविड महामारी के दौरान न केवल अपने देशवासियों का मनोबल बनाए रखने, सफलतापूर्वक वैक्सीनेशन अभियान चलाने और लगभग 50 से अधिक देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की एक नई छवि बनी। अफगानिस्तान और युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी से पूरी दुनिया को इस बात का अहसास हो गया कि भारत अब पहले से अधिक सामर्थ्यवान हो चुका है।

एनडीए की सरकार बनते ही लोगों की सरकार से उम्मीदें बढ़ गईं। लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार ने पहले ही दिन से जमीनी स्तर पर कार्य करना शुरु कर दिया। सरकार विकास को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां और कानून लाने दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था को इसकी पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने के लिए सुधारों की एक नई लहर पैदा की जा रही है। भारत के पास आर्थिक क्रांति लाने और लाखों लोगों के जीवन में सुधार लाने का एक बहुत बड़ा अवसर है।

आठ वर्षों के दौरान देश ने अनेक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों को देखा। शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और किसानों की समस्याओं से देश को जूझना पड़ा लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी कार्यशैली से हर वर्ग को संतुष्ट करने का प्रयास किया। कोरोना महामारी से उभरने के बाद हालांकि कई चुनौतियां देश के सामने हैं लेकिन जनता को उन पर इतना भरोसा है कि मोदी हैं तो मुमकिन है, सभी चुनौतियों से छुटकारा मिल जाएगा। महंगाई, बेरोजगारी देश की बुनियादी समस्याएं हैं लेकिन रोटी के साथ-साथ विदेश नीति, सामरिक नीति, व्यापार, उत्पादन, निर्यात, ग्रामीण विकास और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता आदि भी बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। सियासत हो या कूटनीति मोदी सरकार हर मोर्चे पर सफल रही है।

मोदी जी के नेतृत्व में भारत के नागरिक आज एक नई आशा और विश्वास के साथ उभरते हुए अपने देश को देख रहे हैं। आज सपने भी हैं और सपनों को साकार करने वाले संकल्प और प्रयास भी। विकास की ये यात्रा जिसका नेतृत्व मोदी जी कर रहे हैं भारत को पूरे विश्व में मान, सम्मान और एक नई पहचान दिलाने के लिए प्रयत्नशील है जहाँ शासन का अर्थ है सेवा और समर्पण।

Naresh Bansal
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