कोरबा (IP News). वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर बालको संयंत्र परिसर में परसाभाठा प्रवेश द्वार के समीप पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी आर.आर. सिंह, एई विजय सिंह पोर्ते, वैज्ञानिक माणिक चंदेल और बालको के वरिष्ठ अधिकारियों ने पौधे रोपे। कोरबा और आसपास के क्षेत्रों में इस वर्ष बालको 20 हजार पौधे रोपेगा।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बालको की ओर से जैव विविधता संरक्षण के लिए चिड़ियों के लिए कृत्रिम घोसलों की स्थापना’, इकोसिस्टम रोटेशन विषय पर फोटोग्राफी स्पर्धा, कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन पर्यावरण प्रश्नोत्तरी आदि आयोजित किए गए। इसके अलावा ऊर्जा एवं जल संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन संबंधी श्रेष्ठ परियोजनाओं को वर्ष 2020-21 के लिए पुरस्कार दिए गए। विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीकों और नवाचार की मदद से बालको अपने प्रचालनों में इकोसिस्टम रोटेशन और पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को प्रोत्साहित करने के लिए कटिबद्ध है। आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बालको की ओर से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनेक परियोजनाएं संचालित हैं। बालको के विजन, कॉरपोरेट उद्देश्य, उत्पादन प्रक्रियाओं और व्यवसाय संचालन के विभिन्न तरीके पर्यावरण के सतत संवर्धन को बढ़ावा देते हैं।

आर.आर. सिंह ने कहा कि पर्यावरण के प्रति अपने उत्तरदायित्वों के लिए बालको सजग संगठन है। पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में बालको की ओर से उठाए गए कदम महत्वपूर्ण हैं। बालको के पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों से कोरबा को लाभ मिल रहा है। श्री सिंह ने विश्वास जताया कि बालको की पर्यावरणीय परियोजनाएं सतत रूप से संचालित रहेंगी।

बालको की धातु उत्पादन प्रक्रियाएं आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक सरोकारों के विभिन्न मानदंडों पर आधारित हैं। उत्कृष्ट पर्यावरण प्रबंधन के लिए बालको ने बड़े पैमाने पर निवेश किए हैं। व्यवयाय की रणनीति बनाने, क्रियान्वयन, उत्कृष्ट गवर्नेंस आदि अनेक क्षेत्रों में सस्टेनिबिलिटी के विभिन्न आयामों को स्थान दिया गया है। ‘शून्य क्षति, शून्य अपशिष्ट और शून्य उत्सर्जन’ नीति अपनाते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनेक कार्यक्रमों के जरिए बालको उत्तरोत्तर प्रगति में योगदान के लिए कटिबद्ध है।

ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण तथा ग्रीन हाउस गैसों को निरंतर कम करने के क्षेत्र में बालको ने अनेक परियोजनाएं संचालित की हैं। निरंतर चलने वाली परियोजनाओं के फलस्वरूप ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 27 फीसदी की कमी आई है। देश के एल्यूमिनियम उद्योगों में बालको की विशिष्ट ऊर्जा खपत देश में सबसे कम है। पिछले विशिष्ट जल खपत के स्तर से वर्तमान में बालको का विशिष्ट जल खपत 170 फीसदी कम हो गया है। यह आंकड़े पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में बालको की उत्कृष्टता का द्योतक है।

पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन और सतत एवं सुरक्षित कार्य शैली को प्रोत्साहित करने के लिए बालको ने वर्ष 2020 में गोल्डन पीकॉक सस्टेनिबिलिटी अवार्ड, छत्तीसगढ़ सीआईआई एचएसई एक्सीलेंस अवार्ड हासिल किए। इनके अलावा पिछले वर्षों के दौरान सीआईआई एनर्जी एक्सीलेंस अवार्ड, सस्टेनेबल बिजनेस ऑफ द ईयर अवार्ड तथा एनर्जी एंड एनवायरमेंट ग्लोबल एनवायरमेंट अवार्ड जीते।

वायु की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए बालको ने अत्याधुनिक फ्यूम ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की है। फ्लाई ऐश के निपटारे के लिए अत्याधुनिक हाई कंसंट्रेशन स्लरी डिस्पोजल सिस्टम (एचसीएसडी) का प्रयोग किया जाता है। फ्लाई ऐश का 100 फीसदी यूटिलाइजेशन फ्लाई ऐश अधिसूचना के अंतर्गत किया जाता है। टाउनशिप से निकलने वाले जैविक अपशिष्ट के निपटारे के लिए सॉलिड एंड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट सेंटर (एसआरएलएम) स्थापित है। इससे जैविक अपशिष्ट को कंपोस्ट में बदलने में मदद मिलती है। संयंत्र और आसपास के क्षेत्रों को हराभरा बनाए रखने की दिशा में साढ़े पांच लाख से अधिक पौधे रोपे गए हैं। स्मेल्टर के प्रचालन में प्रयोग होने वाले जल का 100 फीसदी रीसाइकल सुनिश्चित किया गया है।

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