भूपेश बघेल ने गृहमंत्री शाह का वीडियो साझा कर पूछा – FIR सिर्फ कांग्रेस के मुख्यमंत्री पर ही क्यों?

उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए शनिवार को प्रचार का आगाज करते हुए अमित शाह ने कैराना में डोर-टू-डोर कैंपेन कर लोगों से संपर्क किया, लेकिन इस दौरान एक तो उन्होंने मास्क नहीं लगा रखा था और दूसरा उनके साथ भारी भीड़ भी थी।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को कैराना में गृह मंत्री अमित शाह के डोर टू डोर कैम्पेन में नियमों की धज्जियां उड़ने पर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि डोर-टू-डोर अभियान का ब्रांड एम्बेसेडर गृह मंत्री अमित शाह को घोषित कर देना चाहिए।

उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए शनिवार को प्रचार का आगाज करते हुए अमित शाह ने कैराना में डोर-टू-डोर कैंपेन कर लोगों से संपर्क किया, लेकिन इस दौरान एक तो उन्होंने मास्क नहीं लगा रखा था और दूसरा उनके साथ भारी भीड़ भी थी। इसी को लेकर भुपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह 5 लोग के साथ डोर-टू-डोर अभियान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को उन्हें डोर-टू-डोर अभियान का ब्रांड एम्बेसेडर घोषित कर उनके वीडियो को डैमो बना देना चाहिए। वरना चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल जारी रहेंगे। उन्होंने पूछा कि एफआईआर सिर्फ कांग्रेस के ही मुख्यमंत्री पर क्यों?

इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ आचार संहिता और कोविड प्रोटोकॉल का कथित उल्लंघन करने पर नोएडा सेक्टर 113 थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मेरे ऊपर तो कार्यवाही हुई है लेकिन जो भाजपा के मंत्री डोर टू डोर कैम्पेन कर रहे उनके खिलाफ क्यों नहीं हो रही? चुनाव आयोग को अपनी भूमिका को निष्पक्ष रखना चाहिए, शुरूआती दौर में उनकी निष्पक्षता नहीं दिख रही तो आगे क्या उम्मीद करें?

दरअसल भूपेश बघेल पिछले रविवार को नोएडा में कांग्रेस महिला प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक के लिए कैम्पेन कर रहे थे। उसी मामले को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जिसको लेकर बघेल ने कहा, मुझपर कार्यवाही हुई तो भाजपा के खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं दर्ज हुआ। उस मामले में मंत्री के खिलाफ क्यों कार्यवाही नहीं हुई, वह भी तो डोर टू डोर कैम्पेन कर रहे हैं।

चुनाव आयोग ने जब 8 जनवरी को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था, तब आयोग ने एक हफ्ते के लिए रैलियों, रोडशो और जनसभा पर पाबंदी लगाई थी, इसे बाद में 15 जनवरी को एक हफ्ते बढ़ा दिया गया था। हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शनिवार को अब इसे 31 जनवरी तक लागू कर दिया गया है।

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