रक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश जल्द ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। दरअसल, प्रदेश की लखनऊ में अब ब्रह्मोस मिसाइल के नेक्स्ट जेनरेशन के उत्पादन की योजना है। राज्य सरकार इसके लिये जमीन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। परियोजना को लेकर ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबन्ध निदेशक डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने सीएम योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात भी की।

डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन

इस दौरान ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने मुख्यमंत्री योगी को ब्रह्मोस परियोजना की वर्तमान गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत लखनऊ में ब्रह्मोस के नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल के उत्पादन की योजना है। सीएम योगी ने डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार इस परियोजना के लिए लखनऊ में आवश्यक भूमि सहित अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को डीआरडीओ भारत सरकार तथा एनपीओएम, रूस सरकार के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा परिकल्पित, विकसित एवं उत्पादित किया जा रहा है। वर्तमान में भारतीय थल, जल एवं वायु सेना द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है।

परियोजना से करीब 10,000 लोगों को मिलेगा रोजगार

प्रवक्ता ने बताया कि ब्रह्मोस के नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल के उत्पादन के लिए लगभग 200 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। इस परियोजना को पूर्ण करने के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये की धनराशि निवेशित की जाएगी। भूमि उपलब्ध होने के पश्चात तीन माह के अन्दर सिविल निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा। इस परियोजना के माध्यम से लगभग 500 अभियन्ताओं एवं तकनीशियनों को प्रत्यक्ष रूप से तथा 5,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। ब्रह्मोस के नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल के उत्पादन की योजना के लिए एन्सिलरी यूनिट्स भी स्थापित होंगी। इनके माध्यम से लगभग 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

यूपी एयरोस्पेस व डिफेंस हब बनने की ओर अग्रसर

लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण होने से उत्तर प्रदेश देश का एयरोस्पेस और डिफेंस हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर होगा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लखनऊ वैश्विक मानचित्र पर स्थापित होगा। इस परियोजना से डिफेंस कॉरिडोर को गति मिलेगी। ब्रह्मोस मिसाइल के विभिन्न सिस्टम तथा सब-सिस्टम के निर्माण से जुड़ी 200 से अधिक औद्योगिक इकाइयां भी परियोजना के निकट अपनी उत्पादन इकाइयां स्थापित करने की ओर अग्रसर होंगी।

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