छत्तीसगढ़ : जल- जंगल- जमीन बचाने शुरू हुई 300 किमी लंबी “हसदेव बचाओ पदयात्रा”

यह पदयात्रा 10 दिनों तक 300 किलोमीटर पैदल चलते हुए 13 अक्टूबर को रायपुर पहुंचेगी।

उदयपुर। जल जंगल जमीन बचाने के लिए हसदेव बचाओ पदयात्रा 04 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र से प्रारम्भ हुई। यह पदयात्रा 10 दिनों तक 300 किलोमीटर पैदल चलते हुए 13 अक्टूबर को रायपुर पहुंचेगी।

यात्रा के लिए उदयपुर विकास खंड के फतेहपुर घाटबर्रा हरिहरपुर साल्ही के ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में एक- एक कर पैदल मदनपुर पहुंचे यहां सभा का आयोजन किया गया। यात्रा की शुरुआत मदनपुर गाँव के उस ऐतिहासिक स्थान से की गई जहाँ पर वर्ष 2015 में राहुल गाँधी ने हसदेव अरण्य के समस्त ग्राम सभाओं के लोगो को संबोधित करते हुए उनके जल- जंगल -जमीन को बचाने के लिए संकल्प लिया था और कहा था कि वे इस संघर्ष में उनके साथ हैं।

यात्रा प्रारम्भ होने के पहले ग्रामीणों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानो को श्रद्धांजलि अर्पित की और मोदी सरकार की फांसीवादी, कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों पर जम कर हमला बोला। हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति ने देश के किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करने और इस बर्बरता के दोषियों और उसमे शामिल मंत्री के बेटे को तत्काल गिरफ्तार कर कठोर सजा देने की मांग की l संघर्ष समिति ने तीनों किसान विरोधी कृषि कानूनों को तत्काल रद्द करने की मांग उठाई गई।

मदनपुर से प्रारंभ इस पदयात्रा को संबोधित करते हुए हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष उमेश्वर सिंह आर्मो ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि आदिवासी हितों का खुद को रक्षक बताने वाली पार्टी, संवैधानिक अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास करने वाली राजनीतिक दल के सत्ता में होने के बावजूद भी हमें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए यह पदयात्रा निकालनी पड़ रही है। अदानी को जिस प्रकार मोदी सरकार देश के तमाम संसाधनों को सौंपने की कोशिश कर रही है उस प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ सरकार भी अपनी पूर्ण सहभागिता निभा रही है।

पदयात्रा में निम्नलिखित माँगो को दोहराया गया :

• हसदेव अरण्य क्षेत्र की समस्त कोयला खनन परियोजना निरस्त करो।
• बिना ग्रामसभा सहमती के हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल बेयरिंग एक्ट 1957 के तहत किए गए सभी भूमि अधिग्रहण को तत्काल निरस्त हो।
• पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में किसी भी कानून से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के पूर्व ग्रामसभा से अनिवार्य सहमती के प्रावधान को लागू करो।
• परसा कोल ब्लाक के लिए फर्जी प्रस्ताव बनाकर हासिल की गई वन स्वीकृति को तत्काल निरस्त करो एवं ग्रामसभा का फर्जी प्रस्ताव बनाने वाले अधिकारी और कम्पनी पर FIR दर्ज करो।
• घाट्बर्रा के निरस्त सामुदायिक वनाधिकार को बहाल करते हुए सभी गाँव में सामुदायिक वन संसाधन और व्यक्तिगत वन अधिकारों को मान्यता दो l
• पेसा कानून 1996 का पालन करो।

पदयात्रा को समर्थन देने के लिए उदयपुर से विधायक प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंह देव, जिला पंचायत सदस्य राजनाथ सिंह, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष राजिव सिंह, कोरिया से कुमार गिरीश, गांव गणराज्य से जंगसाय पोया, जिला किसान संघ राजनांदगांव से सुदेश टीकम, रमाकांत बंजारे सहित हसदेव अरण्य क्षेत्र के कई सरपंच एवं जनपद सदस्य मौजूद रहे।

पैदल यात्री रायपुर पहुंचकर अपनी मागों को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे|

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