चाइनीज हैकर्स ने इंडियन पावर ग्रिड को इस तरह बनाया निशाना

चाइनीज हैकर्स ने हाल में इंडो-चाइना बॉर्डर के नजदीक लद्दाख में पावर डिस्ट्रिब्यूशन सेटर्स को निशाना बनाया। उन्होंने नॉर्दन इंडिया में कम से कम सात लोड डिस्पैचिंग सेंटर्स भी निशाना बनाया।

चाइनीज हैकर्स ने हाल में इंडो-चाइना बॉर्डर के नजदीक लद्दाख में पावर डिस्ट्रिब्यूशन सेटर्स को निशाना बनाया। उन्होंने नॉर्दन इंडिया में कम से कम सात लोड डिस्पैचिंग सेंटर्स भी निशाना बनाया। ग्रिड की हैकिंग की खुफिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। न्यूज वेबसाइट न्यूज18 ने यह खबर दी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के हैकर्स ने इस ऑपरेशन के लिए ट्रोन शैडो पैड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया। इस सॉफ्टेवयर का इस्तेमाल हैकिंग के लिए होता है। दरअसल, ट्रोजन चाइनजी हैंकिंग टूल है। इससे पता चलता है कि इंडियन ग्रिड की हैकिंग के पीछे चाइनचीज सरकार का हाथ रहा है। शौडो पैड का इस्तेमाल पीपल लिब्रेशन आर्मी और मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी ग्रुप करती है।

चीन की तरफ से की गई हैकिंग की इस कोशिश को थ्रेट एक्टिविटी ग्रुप 38 कोड नाम दिया गया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि हैकर्स को एक थर्ड पार्टी कनफिगरेशन के जरिए सेंटर्स का एक्सेस मिला। यह कनफिगरेशन आईपी कैमरा नेटवर्क से कनेक्टेड था। रिपोर्ट में कहा गया है, “हम इसे आर्थिक जासूसी की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। इससे पहले हैकर्स ने 10 डिस्पैच सेटर्स पर हमले किए थे।”

सूत्रों ने बताया कि हैकर्स का मकसद इंडिया के महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाना था। यह भी हो सकता है कि भविष्य में इस तरह के हमलों के लिए यह तैयारी का हिस्सा होगा। इससे पहले हैकर्स ने एक प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर्स यह लॉजिस्टिक सर्विस ऑर्गेनाइजेशन को निशाना बनाया था। उनका मकसद ऑपरेशन को नुकसान पहुंचाना था।

शीर्ष स्तर के खुफिया सूत्रों ने न्यूज18 को बताया, “यह सभी स्पाई एजेंसीज की हमेशा जारी रहने वाली हैकिंग की कोशिशों का हिस्सा है। हमे समय-समय पर अपग्रेड करने की जरूरत है। हमने सभी सावधानियां बरती है और फ्यूचर में भी बरतते रहेंगे।”

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