नई दिल्ली, 21 अप्रेल। सोमवार को कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने झारखंड में 16,500 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ अत्याधुनिक बिजलीघर स्थापित करने के लिए दामोदर घाटी निगम (Damodar Valley Corporation () के साथ समझौता किया है।
ये अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल पावर प्लांट यानी अत्याधुनिक बिजलीघर ’सुपरक्रिटिकल’ संयंत्र की तुलना में अधिक दक्ष होते हैं और इनमें उत्सर्जन भी कम होता है।
कोल इंडिया ने बयान में कहा, “तापीय बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अपने कारोबार के विविधीकरण को आगे बढ़ाते हुए झारखंड में कोयले से चलने वाले 800-800 मेगावाट की दो इकाई वाला अत्याधुनिक बिजलीघर लगाने के लिए औपचारिक रूप से डीवीसी के साथ गठजोड़ किया है।“
यह परियोजना मौजूदा चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन (Chandrapura Thermal Power Station) का विस्तार होगी। इसकी वर्तमान क्षमता 500 मेगावाट (250-250 मेगावाट की दो इकाइयां) है।
इस परियोजना में कुल निवेश 16,500 करोड़ रुपये होगा। संयुक्त उद्यम में दोनों कंपनियों की 50-50 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी होगी। प्रस्तावित बिजलीघर के लिए कोयला कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों भारत कोकिंग कोल लिमिटेड और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के समीप के कोयला क्षेत्रों से प्राप्त किया जाएगा।
समझौता ज्ञापन पर सीआईएल के निदेशक (व्यावसायिक विकास) देबाशीष नंदा और डीवीसी के सदस्य (तकनीकी) स्वप्नेन्दु कुमार पांडा ने चेयरमैन पी.एम. प्रसाद और डीवीसी के अध्यक्ष एस. सुरेश कुमार तथा सीआईएल और डीवीसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।