नेजल वैक्सीन से लेकर बच्चों के लिए वैक्सीन की अनिवार्यता पर डॉ. वी. के पॉल ने दिया जवाब

बच्चों की वैक्सीन पर अभी ट्रायल चल रहा है। ट्रायल के परिणाम आने के बाद ही बच्चों को देने का निर्णय लिया जाएगा। लेकिन उससे पहले बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने और स्कूल भेजने संबंधी सवालों का नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल जवाब दिया।

बच्चों की वैक्सीन पर अभी ट्रायल चल रहा है। ट्रायल के परिणाम आने के बाद ही बच्चों को देने का निर्णय लिया जाएगा। लेकिन उससे पहले बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने और स्कूल भेजने संबंधी सवालों का नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल जवाब दिया।

प्रसार भारती के विशेष कार्यक्रम कोरोना जागरूकता सीरीज में लोगों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ. पॉल ने कहा कि स्कूलों को खोलने के लिए बच्चों के टीकाकरण की अनिवार्यता सही नहीं है। ऐसी शर्त विश्व में कहीं भी मान्य नहीं हैं। इसे कोई वैज्ञानिक और संक्रामक बीमारी की रोकथाम की संस्था भी स्वीकार नहीं करती। अलबत्ता स्कूल के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाना चाहिए।

बच्चों को स्कूल भेजने पर इन बातों का रखें ध्यान

उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल जाने में और उनकी सुरक्षा को लेकर परिवार, स्कूल बच्चों को कई बातों को ध्यान रखना है। अभिभावक वैक्सीन लगवाएं क्योंकि अगर बच्चों में कभी संक्रमण हुआ, तो उन्हें कुछ खास असर नहीं होगा, लेकिन परिवार के सदस्य ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अगर घर में किसी को बुखार या तबीयत खराब है, तो बच्चों को स्कूल न भेजें। बच्चों को अच्छे और धुले हुए मास्क लगाने को दें। स्कूल बच्चों के लिए पानी, सैनिटाइजर की व्यवस्था करें, ताकि वो हाथ धोते रहें। स्कूल में बैठने या बात करने के लिए सभी को डिसिप्लिन में रखना होगा। लंच करने के लिए खुले में व्यवस्था बनाएं और दूर-दूर बैठने के लिए कहें। सभी कक्षा के बच्चों का एक साथ लंच भी न करवाएं बल्कि अलग-अलग समूह में व्यवस्था करें। इस तरह से हमें एक-एक बात का ध्यान रखना है।

बच्चों को वैक्सीन देने पर कमेटी कर रही चर्चा

कई देशों में बच्चों को वैक्सीन देने के सवाल पर डॉ. पॉल ने कहा कि कुछ देशों ने बच्चों के लिए टीके को स्वीकृति दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अभी तक इस संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं। भारत में जायडस कंपनी द्वारा तैयार की गई बच्चों की वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है, लेकिन अभी सरकार इसके इस्तेमाल पर चर्चा कर रही है। इसके लिए गठित विशेषज्ञ कमेटी ही निर्णय लेगी।

18 साल के ऊपर के 58% वयस्कों को लगी पहली डोज

डॉ. पॉल ने कहा कि देश में 18 साल के ऊपर के 58 प्रतिशत वयस्कों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। यह 100 प्रतिशत तक होनी चाहिए। देश में कोई भी टीकाकरण से छूटना नहीं चाहिए और इसकी गति को बढ़ाना चाहिए, ताकि हर्ड इम्युनिटी विकसित की जा सके।

नेजल वैक्सीन के नतीजे आशाजनक

डॉ. वीके पॉल ने बताया कि देश में भारत बायोटेक के नेजल वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है। इसके नतीजे काफी आशाजनक हैं। दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल अभी चल रहा है। इसके नतीजों का इंतजार अभी करना होगा। नेजल वैक्सीन शरीर में वायरस के प्रवेश को रोकता है।

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