नई दिल्ली, 13 मार्च। 01 जुलाई, 2014 से 01 फरवरी, 2023 के बीच अडानी समूह को सरकारी वित्तीय संस्थाओं एवं बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कर्ज और निवेश को लेकर सरकार से लिखित सवाल किया गया था।। सांसद मनीष तिवारी ने इसकी जानकारी मांगी थी।। सरकार ने गोपनियता का हवाला देकर कर्ज संबंधी जानकारी देने से इनकार कर दिया।

वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया लिखित जवाब :

दिनांक 30.01.2023 को जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अन्य बातों के साथ-साथ यह कहा है कि दिनांक 31.12.2022 की स्थिति के अनुसार इक्विटी और ऋण के अंतर्गत अडानी समूह की कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम की कुल शेयर धारिता 35,917.31 करोड़ रुपए की है। इसके अलावा, एलआईसी ने यह भी सूचित किया है कि दिनांक 30.09.2022 की स्थिति के अनुसार, एलआईसी की प्रबंधनाधीन कुल आस्ति (एयूएम) 41.66 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और अडानी समूह में एलआईसी का मौजूदा एक्सपोजर, अंकित मूल्य पर एलआईसी के कुल एयूएम का 0.975 प्रतिषत है।

सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों, नामतः न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और भारतीय साधारण बीमा निगम से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, दिनांक 31.1.2023 तक अडानी समूह की कंपनियों में इनका एक्सपोजर 347.64 करोड़ रुपये है, जो सभी पांच कंपनियों के कुल एयूएम का 0.14 प्रतिषत है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह सूचित किया है कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 455. के उपबंधों के अंतर्गत, आरबीआई को ऋण संबंधी सूचना प्रकट करने से प्रतिबंधित किया गया है। धारा 45ड में यह उपबंध किया गया है कि किसी भी बैंक द्वारा प्रस्तुत ऋण संबंधी सूचना को गोपनीय माना जाए और उसे प्रकाशित या किसी भी अन्य तरीके से प्रकट न किया जाए।

इसके अलावा, आरबीआई अधिनियम की धारा 45 ढख में यह उपबंध किया गया है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा प्रस्तुत की गई किसी भी जानकारी को गोपनीय माना जाएगा और उसे अन्यथा प्रकाशित या प्रकट नहीं किया जाएगा।

अन्य वित्तीय संस्थाएं नामतः एक्जिम बैंक, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक, राष्ट्रीय आवास बैंक, राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण बैंक, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, संबंधित अधिनियमों के उपबंधों से बंधे हुए हैं और उन्हें अपने संघटकों तथा उनके कार्यों से संबंधित कोई भी सूचना प्रकट करने से प्रतिबंधित किया गया है।

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