चिंतन शिविर में राहुल गांधी ने कहा – आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा देश के लिए खतरा, मेरी लड़ाई उस विचारधारा से रहेगी जारी

राजस्थान के उदयपुर में आयोजित कांग्रेस के चिंतन शिविर के आज आखिरी दिन पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शिविर को संबोधित किया।

राजस्थान के उदयपुर में आयोजित कांग्रेस के चिंतन शिविर के आज आखिरी दिन पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शिविर को संबोधित किया। अपने संबोधन में बीजेपी और मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल सकता है। बेरोजगारी आज से ज्यादा कभी भी नहीं रही है। ये उनके आंकड़े हैं, हमारे आंकड़े नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि जो रोजगार पैदा करती है उस रीढ़ की हड्डी को नरेंद्र मोदी जी ने, बीजेपी ने और उनकी विचारधारा ने तोड़ दिया है। नोटबंदी, जीएसटी लागू करके, पूरा फायदा दो से तीन उद्योगपतियों को देकर सरकार ने देश के युवाओं की भविष्य को नष्ट कर दिया है।

राहुल गांधी ने कहा, “आने वाले समय में आपको देखने को मिलेगा कि देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाएगा। एक तरफ बेरोजगारी और दूसरी तरफ महंगाई। यूक्रेन में युद्ध हो रहा है। ऐसे में आने वाले समय में महंगाई जबरदस्त तरह से बढ़ेगी। इसके लिए जिम्मेदार कौन है? कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है, सरकार जिम्मेदार है।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “ हमारी भी एक जिम्मेदारी है। जो विचारधारा की लड़ाई है उसको लड़ने की। जनता के साथ खड़े होने की है। हमारी शिकायत है कि हमारी पूरी की पूरी बातचीत, पूरी आंतरिक मामले में होती है। कौन सी पोस्ट किसे मिल रही है, हमारा फोकस आंतरिक रहता है। आज के समय में आंतरिक फोकस से हमारा काम नहीं होने वाला है। हमें जनता की ओर ध्यान देना पड़ेगा। जनता के पास हमें जाना पड़ेगा। सिर्फ हमारे लिए नहीं। देश के लिए।

उन्होंने कहा कि हमें बिना सोचे जनता के बीच जाकर बैठ जाना चाहिए। जो उनकी समस्या है उसे समझना चाहिए, हमारा जनता के साथ जो कनेक्शन था उस कनेक्शन को फिर से बनाना पड़ेगा। जनता जानती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि अक्टूबर महीने में पूरी कांग्रेस पार्टी जनता के बीच जाएगी और यात्रा करेगी। जनता के साथ जो रिश्ता कांग्रेस का था उसे फिर से पूरा करेगी। ये शॉर्टकट से नहीं होने वाला है और ये काम पसीना बहाकर ही किया जा सकता है।”

शिविर को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “जो आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा है, जो देश के सामने एक खतरा है, मेरी लड़ाई उस विचारधारा से है। जो नफरत ये लोग फैलाते हैं, हिंसा फैलाते हैं। इसके खिलाफ मैं लड़ता हूं और मैं लड़ना चाहता हूं। ये मेरे लिए मेरी जिंदगी की लड़ाई है। मैं इस बात को मानने को तैयार नहीं हूं कि हमारे प्यारे देश में इतनी नफरत, इतना क्रोध फैल सकता है। हमारे खिलाफ बड़ी शक्तियां हैं। आरएसए, बीजेपी का संगठन, आजकल हिंदुस्तान के सारे संस्थान। ये आप मत सोचिए कि हम एक राजनीतिक पार्टी से लड़ रहे हैं। हम राजनीतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे हैं। राजनीतिक पार्टी सिर्फ एक भाग है। हम इस समय के हिंदुस्तान के हर संस्थान से लड़ रहे हैं। हम हिदुस्तान के सबसे बड़े क्रोनी कैपिटलिस्ट से लड़ रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस के हर नेता और कार्यकर्ता से यह कहना चाहता हूं कि आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि यह देश सच्चाई को मानता है। ये देश सच्चाई का देश है। देश को बात समझ आ रही है। यह देश देख रहा है। देश की हालत क्या है, देश को समझ आ रही है। मैं जिंदगी भर आपके साथ खड़ा हूं और इस लड़ाई को आपके साथ मैं लड़ने जा रहा हूं।”

नव संकल्प शिविर में राहुल गांधी ने कांग्रेस के एक परिवार, एक पद के विचार का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हमें इस विचार को सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रति परिवार एक व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिले। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपने संगठन में शामिल परिवार के सदस्यों की संख्या को सीमित करें, और उन्हें काम करने दें, विकसित करें और फिर उन्हें संगठन में शामिल होने दें। लेकिन हमारे पास ऐसी स्थिति नहीं है, जहां एक परिवार के 5-7 सदस्य संगठन में हों।

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साभार : नवजीवन 

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