नई दिल्ली, 18 नवम्बर।  आन्‍ध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अन्‍तरिक्ष केन्‍द्र से भारत के पहले निजी रॉकेट विक्रम सबऑर्बिटल का सफल परीक्षण किया गया। इसे 11 बजकर 30 मिनट पर छोड़ा गया। 83 किलोग्राम का यह रॉकेट तीन पेलोड लेकर 89 दशमलव पांच किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचा। श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने के बाद यह राकेट लगभग 115 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित रूप से पानी में गिर गया।

केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रक्षेपण के बाद कहा कि यह देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक नई शुरुआत है और इसे अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने का बड़ा कदम बताया।

डॉ. सिंह ने अंतरिक्ष में नए मिशनों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत तेजी से अग्रणी राष्ट्र के रूप में उभर रहा है।

इस राकेट का निर्माण अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए काम करने वाले स्‍टार्टअप स्‍काई रूट ने किया है। स्काई रूट के संस्थापकों में से एक, पवन कुमार चौधरी ने कहा कि यह राकेट अपने उद्देश्य में खरा उतरा।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने विक्रम सबऑर्बिटल रॉकेट के देश के पहले निजी प्रक्षेपण के लिए इसरो और इन-स्पेस को बधाई दी है।

श्री ठाकुर ने कहा कि देश का पहला निजी रॉकेट विक्रम एस जिसका नाम विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया। उन्होंने कहा कि इससे अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारतीय निजी क्षेत्र की शुरुआत हुई है।

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