झारखंड उच्च न्यायालय पहले तय करे कि CM सोरेन के खिलाफ जनहित याचिकाएं विचार करने योग्‍य हैं या नहीं – सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष न्यायालय के न्‍यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने झारखंड सरकार की याचिका पर यह आदेश दिया है।

नई दिल्ली, 24 मई।  उच्चतम न्यायालय ने आज झारखंड उच्च न्यायालय को निर्देश दिया कि वह पहले यह तय करे कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ खदानों के पट्टे, मनरेगा घोटाले और फर्जी कंपनियों को धन हस्‍तांतरण के आरोपों के संबंध में जनहित याचिकाएं विचार करने योग्‍य हैं या नहीं।

इन याचिकाओं में आरोपों की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो या प्रवर्तन निदेशालय से कराने की मांग की गई है।

शीर्ष न्यायालय के न्‍यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने झारखंड सरकार की याचिका पर यह आदेश दिया है।

राज्य सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सील बंद लिफाफे में झारखण्‍ड उच्‍च न्‍यायालय को सौापे गए दस्तावेजों को स्वीकार करने को चुनौती दी थी।

सोशल मीडिया पर अपडेट्स के लिए Facebook (https://www.facebook.com/industrialpunch) एवं Twitter (https://twitter.com/IndustrialPunchपर Follow करें …

  • Website Designing