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कोयला मंत्रालय के अंतर्गत एक मिनिरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) प्लास्टिक अभियांत्रिकी कारोबार में परिचालन क्षेत्रों और इनके आसपास रहने वाले 500 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा प्रतिस्पर्धी बाजार में इन युवाओं के लिए रोजगार की तैयारी सुनिश्चित करेगी।

इस प्रशिक्षण का आयोजन सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी), चेन्नई की सहायता से किया जाएगा।

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एनसीएल इस आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए सीएसआर के तहत प्रति प्रशिक्षु 70,000 रुपये व्यय करेगा, जिसमें पाठ्यक्रम शुल्क, पाठ्यक्रम सामग्री, वर्दी, प्रशिक्षण किट, आवास और अन्य शुल्क शामिल हैं।

चयनित उम्मीदवारों को भोपाल, ग्वालियर और लखनऊ स्थित अपने केंद्रों पर सीपेट द्वारा प्लास्टिक प्रसंस्करण, इंजेक्शन मोल्डिंग, ब्लो मोल्डिंग, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय कौशल योग्यता प्रारूप (एनएसक्यूएफ) द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार तैयार किया गया है और राष्ट्रीय कौशल योग्यता समिति (एनएसक्यूसी) द्वारा अनुमोदित है।

इस संबंध में एनसीएल, कोल इंडिया लिमिटेड और (सीपेट), चेन्नई की होल्डिंग कंपनी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

उम्मीदवारों के चयन के लिए, एनसीएल ने सीपेट के सहयोग से निगाही और खड़िया परियोजनाओं में दो दिवसीय स्क्रीनिंग सत्र का आयोजन किया और बाद में कौशल विकास कार्यक्रम के लिए 345 योग्य उम्मीदवारों का चयन किया गया। शेष उम्मीदवारों का चयन आगामी स्क्रीनिंग राउंड में किया जाएगा।

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विशेष रूप से, एनसीएल ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान लगभग 130 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और वर्ष 2021-22 में सीएसआर गतिविधियों पर 132.75 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है।

भारत सरकार की एनसीएल, सिंगरौली स्थित मिनिरत्न कंपनी 10 अत्यधिक मशीनीकृत ओपनकास्ट कोयला खदानों के साथ काम करती है और यह राष्ट्रीय कोयला उत्पादन के 15 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करती है। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 115 मिलियन टन से अधिक कोयले का उत्पादन किया था।

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