electric vehicles
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अहमदाबाद। गुजरात का केवडिया इलाका‘स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी’ के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर लम्बी मूर्ति के लिए ही नहीं बल्कि देश के ऐसे पहले शहर के रुप में भी जाना जायेगा, जहां केवल इलेक्ट्रिक वाहन चलेंगे। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र विकास और पर्यटन संचालन प्राधिकरण (एसओयूएडीटीजीए) ने रविवार को कहा कि वह गुजरात के केवड़िया में ‘देश का पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल-ओनली एरिया’ विकसित करेगा। जहां केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को आवाजाही की अनुमति होगी।

विश्व पर्यावरण दिवस पर शनिवार कोप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के आदिवासी बहुल नर्मदा जिले के केवड़िया क्षेत्र को देश का पहली इलेक्ट्रिक वाहन शहर बनाने की घोषणा की थी। उसके एक दिन बाद प्राधिकरण ने इस योजना की जानरकी दी है।

प्राधिकरण ने कहा, ‘‘(प्राधिकारण के) अधिकार में आने वाले इलाके में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को आवाजही की अनुमति होगी। पर्यटकों को भी डीजल की जगह बैटरी वाली बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। स्थानीय निवासियों को तीन पहिया ई-वाहन खरीदने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।’’ गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी से समर्थन के आलावा प्राधिकरण को इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में भी सब्सिडी के रूप में छूट दी जायेगी।

प्राधिकरण से जुड़े अधिकारीयों और कर्मचारियों को भी इस योजना का फायदा मिलेगा। उसने कहा कि ई-रिक्शा चलाने वाली कंपनी को शुरुआत में प्राधिकरण के तहत क्षेत्र में कम से कम 50 रिक्शा चलाने होंगे। इ-रिक्शा चालकों की सूची में स्थानीय महिलाओं समेत पहले से इ-रिक्शा चला रहे चालकों को प्राथमिकता दी जायेगी। प्राधिकरण ने कहा, ‘‘केवड़िया में प्रदूषण फैलाने वाला कोई उद्योग नहीं है। शहर में दो जलविद्युत ऊर्जा संयंत्र है ये प्रचुर मात्रा में पर्यावरण के अनुकूल बिजली उत्पन्न करते हैं। शहर में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की अनुमति से वायु और ध्वनि प्रदूषण कम होगा और पर्यटकों को अच्छा लगेगा।

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