एसईसीएल के खिलाफ खुला मोर्चा, मुख्यालय का घेराव, छत्तीसगढ़ का कोयला राज्य के उद्योगों को पहले देने उठी मांग

छत्तीसगढ़ के उद्योगों तथा कैप्टिव विद्युत संयंत्रों को प्राथमिकता के आधार पर कोयला आपूर्ति की मांग को लेकर आज लोरमी से छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विधायक धरमजीत सिंह के नेतृत्व में हजारों नागरिकों ने एसईसीएल के बिलासपुर स्थित मुख्यालय का घेराव और धरना प्रदर्शन किया।

बिलासपुर, 27 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के उद्योगों तथा कैप्टिव विद्युत संयंत्रों को प्राथमिकता के आधार पर कोयला आपूर्ति की मांग को लेकर आज लोरमी से छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विधायक धरमजीत सिंह के नेतृत्व में हजारों नागरिकों ने एसईसीएल के बिलासपुर स्थित मुख्यालय का घेराव और धरना प्रदर्शन किया। श्री सिंह ने एसईसीएल से पूछा कि अगर छत्तीसगढ़ प्रदेश में कोयले की कमी नहीं है तो छत्तीसगढ़ के उद्योगों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति में क्या समस्या है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों और किसानों ने अपनी जमीन, अपना घर, नदियां, जंगल कोल इंडिया और एसईसीएल को कोयले के उत्पादन के लिए दिया है इसलिए यहां के नागरिकों का यह अधिकार है कि उनके उद्योगों को प्राथमिकता के आधार पर और पर्याप्त मात्रा में कोयला मिलना चाहिए। राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे उद्योग हैं जो अपने संयंत्रों के प्रचालन के लिए कैप्टिव विद्युत संयंत्रों के जरिए विद्युत का उत्पादन करते हैं। यदि इन कैप्टिव विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति नहीं हुई तो इससे जुड़े प्रदेश के उद्योग धंधों पर विपरीत असर होगा। बेराजगारी की समस्या निर्मित होगी। एसईसीएल राज्य के उद्योगों और कैप्टिव विद्युत संयंत्रों को पहले कोयला दे। उनकी जरूरतें पूरी होने के बाद यदि दूसरे प्रदेशों को कोयला दिया जाता है तो प्रदेशवासियों को कोई आपत्ति नहीं होगी।

श्री सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में भी यह बात लाई जा रही है कि प्रदेश के उद्योगों विशेषकर कैप्टिव विद्युत संयंत्रों को कोयले की भरपूर आपूर्ति की आवश्यकता है। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री एसईसीएल के अधिकारियों को तलब करें और उन्हें प्रदेश के उद्योगों को कोयला आपूर्ति करने का निर्देश दें।

श्री सिंह ने केंद्रीय कोयल मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी के हाल ही में हुए कोरबा प्रवास का ज़िक्र करते हुए कहा कि एक ओर देश में कोयले का गहरा संकट है वहीं श्री जोशी यह कह रहे हैं कि कोयले की कमी नहीं है। श्री सिंह ने जोशी के बयान पर चुटकी लेते हुए सवाल उठाया कि अगर उनकी बात में सच्चाई है तो फिर प्रदेश के उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में कोयले की आपूर्ति क्यों नहीं हो रही है। इस दौरान श्री सिंह ने यह भी कहा कि केंद्रीय कोयला मंत्री के सामने कोरबा में भू-विस्थापितों और उनके परिवारों के द्वारा किया गया प्रदर्शन इस बात की ओर इशारा है कि एसईसीएल भू-व्यवस्थापन एवं पुनर्वास नीति का ठीक तरह से पालन नहीं कर रहा है। गांव वालों को जो सुविधा मिलनी चाहिए, वह उन्हें नहीं मिलीं। श्री सिंह ने मांग की कि एसईसीएल के भू-विस्थापितों का पुनर्वास प्रावधानों के अनुरूप हो। खदान से प्रभावित होने वालों को एसईसीसएल नौकरी दे।

श्री सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के शिष्टमंडल ने एसईसीएल के सीएमडी एपी पांडा को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें यह कहा गया है कि एसईसीएल अपने उपभोक्ताओं के साथ हुए दीर्घकालिक फ्यूल सेल एग्रीमेंट (एफएसए) को बहाल करे। कैप्टिव विद्युत संयंत्रों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति हो ताकि उद्योगों में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित न हो।

इस बीच एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. सनीश चंद्र ने यह बयान दिया है कि देश में कोयले की मांग बढ़ी है। मानसून के दौरान एसईसीएल का उत्पादन कम हुआ। अब स्थितियों में सुधार आ रहा है और उत्पाद के उत्साहवर्धक आंकड़े जल्दी ही सामने आएंगे। पावर सेक्टर के साथ ही नान पावर सेक्टर को कोयले की आपूर्ति की जा रही है। कोयले की आपूर्ति में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।

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