पटना (IP News).  पशुपति कुमार पारस को चिराग पासवान के स्थान पर लोकसभा में लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) का नेता चुना गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने श्री पारस को लोकजनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता के रूप में मान्यता दे दी है।

पार्टी के छह सांसदों में से पांच ने श्री बिरला से मुलाकात कर उन्हें चिराग पासवान को हटाकर पारस को नेता बनाने का अनुरोध पत्र सौंपा।

पशुपति कुमार पारस लोकजनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं और हाजीपुर से पार्टी सांसद हैं। पार्टी के चार सांसदों- चंदन सिंह, बीणा देवी, महमूद अली कैसर और प्रिंस राज ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को अलग-थलग करते हुए संसदीय बोर्ड के नेता के रूप में श्री पारस का समर्थन किया। इसके बाद श्री पारस को सर्वसम्मति से लोकसभा में एलजेपी का नेता चुना गया।

इधर, मंगलवार को चिराग पासवान ने एक पत्र सार्वजनिक किया, जिसे उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को 29 मार्च, 2021 को लिखा था। इस पत्र से यह स्पष्ट होता है कि रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं था। इस पत्र के अनुसार पापा की मौत के बाद उनके चाचा का व्यवहार बदल गया था और घर आना- जाना भी कम हो गया था।

रामविलास पासवान ने जब चिराग को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया तब पशुपति कुमार पारस ने इस फैसले से नाराजगी जाहिर की थी। बिहार विधानसभा के पूर्व चिराग ने “बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट” यात्रा शुरू की तो चाचा ने इससे दूरी बनाए रखी। वे पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं थे। इस पत्र के अनुसार पशुपति कुमार पारस ने रामविलास पासवान के रहते भी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की थी। चिराग ने अपने चाचा से इस पत्र में कहा था कि उन्हें अब रिश्तों पर भरोसा नहीं रह गया है। देखें पत्र:

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