बिलासपुर, 15 अगस्त। स्वतंत्रता दिवस 2022 के शुभ अवसर पर प्रातः 9 बजे मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा ने एसईसीएल मुख्यालय प्रांगण में ध्वजारोहण किया एवं सुरक्षा टुकड़ी की सलामी ली। सुरक्षा टुकड़ी का नेतृत्व व्ही दक्षिणामूर्ति उप प्रबंधक (सुरक्षा) बिलासपुर ने किया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य सतर्कता अधिकारी बी.पी. शर्मा, निदेशक तकनीकी संचालन सह कार्मिक एम.के. प्रसाद, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.के. पाल एवं निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन, संचालन समिति सदस्य हरिद्धार सिंह उपस्थित थे।

अपने उद्बोधन में सीएमडी एसईसीएल डॉ. प्रेमसागर मिश्रा ने कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष की सफलता हमें बताती है कि संकल्प से किसी भी बड़े लक्ष्य की सिद्धी संभव है। उन्होंने कहा कि युवा कंपनी एसईसीएल में असीमित संभावनाएं हैं तथा यह किसी भी चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने में संभव है। उन्होंने केन्द्र सरकार व उसके सभी विभाग, राज्य शासन व उसके सभी विभाग, कोल इण्डिया लिमिटेड, सभी अंशधारकों और कोयलांचलवासियों के साथ-साथ समस्त श्रमसंघ, एसोसिएशन, सीएमओएआई के पदाधिकारीगण, कंपनी संचालन तथा सुरक्षा समिति एवं कल्याण मण्डल के सदस्यों के प्रति उनके रचनात्मक सहयोग तथा श्रद्धा महिला मण्डल व महिला समितियों तथा विप्स के विभिन्न कार्यों के लिए आभार व धन्यवाद दिया।

सीएमडी डॉ. प्रेमसागर मिश्रा के भाषण के प्रमुख बिन्दु :

  • एसईसीएल भूविस्थापितों के रोजगार की दिशा में आगे बढ़कर काम कर रही है। हाल ही में, एसईसीएल बोर्ड ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया एवं दस्तावेजों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बदलाव स्वीकृत किए हैं, जिससे कि हमारी परियोजनाएँ और तेजी से तथा और सहूलियत से, भूमि अधिग्रहण का कार्य कर पाएगी। गत अप्रैल से जून तिमाही में ही एसईसीएल द्वारा 100 से अधिक भूविस्थापितों को रोजगार प्रदान किया गया है।
  • सीएसआर के जरिए एसईसीएल कोयलांचल के समाज को और सामर्थवान बनाने की दिशा में निरंतर प्रयत्नशील है। एसईसीएल ने अपने संचालन क्षेत्रों के लगभग 1000 युवाओं के स्किल डेव्हलपमेंट ट्रेनिंग के लिए सीपेट रायपुर से अनुबंध किया है जिसमें लगभग 500 युवाओं का प्रशिक्षण आरंभ हो चुका है।
  • कोरबा, रायगढ़ तथा मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में, सरकारी स्कूलों में, एसईसीएल की मदद से लगभग 800 स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं।
  • एसईसीएल की रेल कॉरिडोर परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ राज्य के कई अंचलों तक पहली बार, रेल यातायात की सुविधा सुलभ हो सकेगी। खरसिया से धर्मजयगढ़ की ईस्ट रेल कॉरीडोर की शुरूआत हो चुकी है, वहीं इसके फेस में धर्मजयगढ़-कोरबा लाइन हेतु कार्य प्रगति पर है। गेवरा-पेन्ड्रा रोड के 135 किलोमीटर लम्बे ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरीडोर पर भी तेजी से काम चल रहा है।
  • कम्पनी की बड़ी खदानों से कोयले के ईको फ्रेन्डली व त्वरित डिस्पैच हेतु फस्ट माईल कनेक्टिविटी परियोजनाएँ विकसित की जा रही हैं जिनके तहत कोल ट्रान्सपोर्न्टेशन व लोडिंग सिस्टम को पूर्णतया मैकेनाईज्ड किया जा रहा है। इससे बड़ी परियोजनाओं से सड़क मार्ग से कोयले का परिवहन न्यून हो जाएगा।
  • कम्पनी का विजन है कि आने वाले 3 से 4 वर्षों में भूमिगत खदानों का उत्पादन दोगुना से अधिक कर दिया जाए, इस हेतु आधुनिक तकनीक जैसे कान्टिन्यूअस माइनर की स्थापना पर बल दिया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से एसईसीएल को अग्रणी बनाने हेतु नेट जीरो के बजाए नेट पाजिटिव कम्पनी बनाने की परिकल्पा की गई है।

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