नई दिल्ली, 26 नवम्बर। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अब से कुछ देर पहले उपग्रह प्रक्षेपण यान सी-54 को अंतरिक्ष में छोड़ा गया। इसके पे-लोड में महासागर मॉनीटरिंग उपग्रह और 8 नैनो उपग्रह शामिल हैं जिन्‍हें निर्धारित समय में दो घंटे के भीतर सूर्य की कक्षा में स्‍थापित किया जाएगा।

प्रक्षेपण के दौरान यान की सभी क्रियाएं बिल्‍कुल सही समय पर चार चरणों में अलग-अलग संपन्‍न हुई। इसरो के वैज्ञानिक इसके पे-लोड को कक्षा में स्‍थापित किए जाने की उत्‍सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

उपग्रह यान के 117 किलोग्राम के पे-लोड में महासागर मॉनीट‍र, समुद्री सतह मॉनीटर, के.यू. बैंड, स्‍कैट्रोमीटर और फ्रांस का पे-लोड आर्गोस शामिल हैं। आर्गोस की मदद से मौसम की जानकारी देने वाले भारत-फ्रांस उपग्रहों की संख्‍या और कार्यक्षमता बढ जाएगी जो पेरिस समझौते के अंतर्गत पहले से अंतरिक्ष की कक्षा में है।

आनंद नैनो उपग्रह में पृथ्‍वी की निचली कक्षा में माइक्रो उपग्रह की मदद से व्‍यापारिक प्रयोग करने की तकनीक अपनाई गई है।

थिबोल्‍ड उपग्रह, शून्‍य दशमलव पांच यू क्‍यूबसैट टैक्‍नोलॉजी से चलने वाले ध्रुव मॉडयूलर क्‍यूबसैट संचालित होगा जिसका प्रयोग एमेच्‍योर वैज्ञानिक समुदाय के लिए उपग्रह तेजी से विकास का प्‍लेटफॉर्म भी उपलब्‍ध हो सकेगा और इससे भंडारण और अग्रेषित करने की सुविधा मिलने लगेगी। इससे एमेच्‍योर उपग्रह तक संदेशों को अपलिंक उपकरण की मदद से भेजने और प्राप्‍त करने की व्‍यवस्‍था भी होने लगेगी। इस यान में एक संचार पे-लोड भी है।

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