भारत के कोयला उत्पादन और प्रेषण में अप्रैल 2025 में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। यह कोयला मंत्रालय और उसकी सहायक कंपनियों के लगातार कोशिशों को रेखांकित करता है जिससे क्षेत्र में लगातार आपूर्ति एवं परिचालन स्थिरता सुनिश्चित किया जा सके।

देश में कुल कोयला उत्पादन अप्रैल 2025 में 81.57 मीट्रिक टन (अनंतिम) हुआ, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में उत्पादित 78.71 मीट्रिक टन से ज्यादा है।

वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान, अप्रैल 2025 में कैप्टिव/अन्य संस्थाओं की खदानों से उत्पादन 14.51 मीट्रिक टन (अनंतिम) रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 11.46 मीट्रिक टन की तुलना में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी दर्शाता है। यह वृद्धि देश के समग्र कोयला उत्पादन में कैप्टिव खनन के बढ़ते योगदान को रेखांकित करता है।

भारत का कुल कोयला प्रेषण अप्रैल 2025 में 86.64 मीट्रिक टन (अनंतिम) रहा, जो वित्त वर्ष 2025-26 में पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की इसी अवधि में 85.11 मीट्रिक टन से लगातार बढ़ोत्तरी दर्शाता है।

दिनांक 30.04.2025 तक कोयला कंपनियों द्वारा संरक्षित कोयले के भंडार में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई है, जो वित्त वर्ष 2025-26 में 125.76 मीट्रिक टन हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 102.41 मीट्रिक टन थी। वित्त वर्ष 2025-26 में, सिर्फ कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के पास कुल कोयला स्टॉकभंडार 105 मीट्रिक टन था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 86.60 मीट्रिक टन से 22.10% ज्यादा है।

यह बढ़ोत्तरी कोयला क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन एवं दक्षता को दर्शाता है और 22.8% की प्रभावशाली वार्षिक वृद्धि दर को उजागर करता है।

कोयला मंत्रालय इस क्षेत्र में सतत विकास हासिल प्राप्त करने, कोयले की उपलब्धता में सुधार लाने तथा आयात पर निर्भरता कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। सकारात्मक गति के साथ, कोयला क्षेत्र देश की विकास गाथा को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

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