Supreme Court
Supreme Court

नई दिल्ली, 23 अगस्त। उच्‍चतम न्‍यायालय ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों के बीच विवाद के समाधान के लिए, यह मामला पांच सदस्‍यों की संविधान पीठ को सौंप दिया है। पीठ इस पर बृहस्‍पतिवार को सुनवाई करेगी।

बड़ी पीठ को ये मामला सौंपते हुए प्रधान न्‍यायाधीश एन. वी. रमणा की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने महसूस किया कि विधायकों को अयोग्‍य घोषित करने की कार्रवाई शुरू करने के अध्‍यक्ष या उपाध्‍यक्ष के अधिकारों का मुद्दा तय करना अत्‍यन्‍त महत्‍वपूर्ण है। स्‍वयं इन अधिकारियों को अयोग्‍य घोषित करने के मामले में यह और भी महत्‍वपूर्ण हो जाता है।

इस संदर्भ में पीठ ने नबाम रेबिया मामले में 2016 के निर्णय में प्रयुक्‍त कानून पर संदेह व्‍यक्‍त किया, जिसमें कहा गया था कि अध्‍यक्ष उस समय अयोग्‍य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकते जब मामला स्‍वयं उनकी बर्खास्‍तगी से जुडा हो।

प्रधान न्‍यायाधीश एन वी रमणा, न्‍यायामूर्ति हिमा कोहली और न्‍यायामूर्ति कृष्‍ण मुरारी की उच्‍चतम न्‍यायालय की पीठ ने निर्वाचन आयोग को भी निर्देश दिया कि वह बृहस्‍पतिवार तक महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे खेमे की उस अपील पर कोई कार्रवाई ना करे, जिसमें उन्‍होंने अपने गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्‍यता देने और तीर-कमान का चुनाव चिह्न प्रदान करने की मांग की है।

सोशल मीडिया पर अपडेट्स के लिए Facebook (https://www.facebook.com/industrialpunch) एवं Twitter (https://twitter.com/IndustrialPunchपर Follow करें …

  • Website Designing