कोल इंडिया के 50 वर्ष :  जानते हैं गठन की कहानी ...

Source : Coal India

कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) द्वारा 01 नवम्बर, 2025 को स्वर्ण जयंती मनाई जाएगी। सीआईएल विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक और मैनपॉवर वाली कपंनी है।

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नवंबर 1975 में अस्तित्व में आने के दौरान सीआईएल का उत्पादन 79 मिलियन टन था। 50 वर्षों की यात्रा में कंपनी उत्पादन के 781 MT (2024- 25) के आंकड़े को पार कर चुका है। स्थापना वर्ष में कंपनी को 55 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था, लेकिन अब कंपनी का मुनाफा 35,302 करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है।

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इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली भारत सरकार की राष्ट्रीय ऊर्जा नीति के तहत भारत की कोयला खानों को 1970 के दशक में दो चरणों में पूर्ण रूप से राष्ट्रीय नियंत्रण में लिया गया। 

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कोकिंग कोयला खान (आपातकाल प्रावधान) अधिनियम 1971 सरकार द्वारा 16 अक्टूबर, 1971 को लागू किया गया जिसके तहत, इस्को, टिस्को, और डीवीसी के कैप्टिव खानों के अलावा भारत सरकार ने सभी 226 कोकिंग कोयला खानों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया और उसे 1 मई, 1972 को राष्ट्रीयकृत कर दिया। इस प्रकार भारत कोकिंग कोल लिमिटेड बना था। 

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इसके अलावा 31 जनवरी 1973 को कोयला खान (प्रबंधन का हस्तांतरण) अध्यादेश- 1973 लागू कर केन्द्रीय सरकार ने सभी 711 नान- कोकिंग कोयला खानों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया।

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राष्ट्रीयकरण के अगले चरण में 1 मई, 1973 से इन खानों को राष्ट्रीयकृत किया गया और इन नॉन- कोकिंग खानों का प्रबंधन करने के लिए एक सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला खान प्राधिकरण लिमिटेड नामक कंपनी का गठन किया गया था।

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दोनों कंपनियों का प्रबंधन करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड के रूप में एक औपचारिक नियंत्रक कंपनी का गठन 01 नवम्बर, 1975 में किया गया।

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