चुनाव से पहले ममता बनर्जी को छोड़ कर बीजेपी में जाने वाले कई नेताओं में से कुछ नेता अब ममता के साथ वापसी करना चाहते हैं। ऐसे इसलिए क्योंकि सोनाली गुहा और सरला मुर्मू के बाद, TMC छोड़ कर BJP में जाने वाले दीपेंदु विश्वास ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में “घर वापसी” की मांग की है, जिसमें उन्होंने BJP में शामिल होने के उनके फैसले को “बहुत गलत” बताया।

पश्चिम बंगाल चुनाव में टिकट न मिलने के कारण भगवा पार्टी में शामिल होने वाले बिस्वास उत्तर 24 परगना बशीरहाट दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं।

बनर्जी को लिखे अपने पत्र में, बिस्वास ने कहा कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का एक “बुरा फैसला” लिया और अब वो वापस लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पद छोड़ने का उनका निर्णय “भावनात्मक” था और उन्हें “निष्क्रिय” होने का डर था। उन्होंने बशीरहाट दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम करने की इच्छा भी जताई।

चुनाव से पहले पार्टी छोड़ने वाले कई TMC नेता विधानसभा चुनावों में अपनी प्रचंड जीत के बाद एक बार फिर बनर्जी के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं।

इससे पहले TMC की पूर्व विधायक सोनाली गुहा, जिन्होंने BJP में दामन थाम लिया था, उन्होंने भी बनर्जी को पत्र लिखकर उनसे पार्टी छोड़ने के लिए माफी मांगी और उन्हें TMC में वापस लेने का आग्रह किया। गुहा द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए पत्र में उन्होंने कहा कि भावुक होने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।

सोनाली गुहा ने कहा, “मैं टूटे हुए मन से ये लिख रही हूं कि मैंने भावुक होकर दूसरी पार्टी में शामिल होने का गलत फैसला लिया। मैं वहां एडजस्ट नहीं हो सकी।”

उन्होंने कहा, “जिस तरह एक मछली पानी से बाहर नहीं रह सकती है, मैं आपके बिना नहीं रह पाऊंगा, “दीदी”। मैं आपसे माफी मांगती हूं और अगर आपने मुझसे माफ नहीं किया, तो मैं जिंदा नहीं रह पाऊंगा। कृपया मुझे वापस आने की अनुमति दें, और अपना बाकी जीवन आपके स्नेह में बिताना चाहती हूं।”

गुहा, चार बार की विधायक और कभी मुख्यमंत्री की सबसे करीबी मानी जाती थीं। वे तृणमूल कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल थी, जिन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था।

इसके तुरंत बाद ही मालदा जिला परिषद सदस्य सरला मुर्मू और उत्तर दिनाजपुर के विधायक अमोल आचार्य ने कहा कि वे भी पार्टी में लौटना चाहते हैं।

ममता बनर्जी ने राज्य में चुनाव के दौरान दलबदल पर बोलते हुए कहा था कि पार्टी केवल लोगों के लिए काम करने वालों को टिकट देगी, इसलिए जो काम नहीं करना चाहते वो पार्टी छोड़कर BJP में शामिल हो सकते हैं।

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