यूजीसी नेट की परीक्षा 2 से 17 मई के बीच करवाने का फैसला लिया है। मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसको लेकर यह आधिकारिक जानकारी दी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “जूनियर रिसर्च फैलोशिप और सहायक प्रोफेसर के लिए पात्रता परीक्षाएं 2 से 17 मई के बीच अलग-अलग तारीखों में होनी हैं। परीक्षा लेने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को सौंपी गई है। परीक्षाएं 2 मई से शुरू होकर 3, 4, 5, 6, 7, 10, 11, 12, 14 और 17 मई को होंगी।”
परीक्षा से पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विशेषज्ञों के साथ कोरोना की स्थिति एवं इसके प्रभाव का पूरी तरह से आकलन किया है। इसके उपरांत ही यूजीसी नेट की परीक्षाएं 2 मई से करवाने का निर्णय लिया गया है। कई छात्र ऐसे हैं जिन्होंने यूजीसी नेट के साथ ही अन्य परीक्षाओं में भी शामिल होने के लिए अपना पंजीकरण कराना है। ऐसे छात्रों की सुविधा को महत्व दिया गया है। यूजीसी नेट की परीक्षाएं का कार्यक्रम बनाते समय इस बात को ध्यान में रखा गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यूजीसी नेट की परीक्षाएं दो पालियों में आयोजित की जाएंगी। परीक्षा में 2 प्रश्न पत्र शामिल होंगे। प्रथम प्रश्न पत्र 100 अंकों का होगा और इसमें 50 बहु वैकल्पिक प्रश्न होंगे। दूसरा प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा और इसमें 100 बहु वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे।
परीक्षा की पहली पाली का समय सुबह 9 बजे से 12 बजे तक निर्धारित किया गया है। वहीं दूसरी पाली का समय दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक रहेगा। यह परीक्षाएं तीन-तीन घंटे की होंगी। यह परीक्षाएं कंप्यूटर आधारित सीबीटी विधि से आयोजित की जाएंगी।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक परीक्षा में शामिल होने के इच्छुक अभ्यार्थी, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की वेबसाइट पर उपलब्ध यूजीसी नेट की सूचना विवरणिका देख सकते हैं। परीक्षा का फॉर्म ऑनलाइन 2 फरवरी से उपलब्ध करा दिया गया है। परीक्षा के इच्छुक अभ्यार्थी 2 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं। हालांकि आवेदन शुल्क का भुगतान 3 मार्च तक किया जा सकता है।
📢Announcement
National Testing Agency (@DG_NTA) will conduct next UGC-NET exam for Junior Research Fellowship & eligibility for Assistant Professor on 2, 3, 4, 5, 6, 7, 10, 11, 12, 14 & 17 May 2021.
Read circular attached for more info! Good luck to all participants.#UGCNET pic.twitter.com/5j1zifvjD1— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) February 2, 2021