रायपुर। बस्तर में स्थित राष्‍ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) लिमिटेड के नगरनार संयंत्र के विनिवेश को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने कमर कसी है। सोमवार को विधानसभा में शासकीय संकल्प पर बोलते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नगरनार स्टील प्लांट को खरीदने की घोषणा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए मैं सदन में घोषणा करता हूं कि छत्तीसगढ़ की सरकार नगरनार के संयंत्र को खरीदेगी। उन्होंने कहा कि सवाल छत्तीसगढ़ की अस्मिता का है, आदिवासियों की भावना का है। इसलिए हम खुले मन से इस बात को स्वीकार करते हैं कि छत्तीसगढ़ की सरकार नगरनार स्टील प्लांट को खरीदेगी।

यहां बताना होगा कि अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने राष्‍ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) लिमिटेड से नागरनार इस्‍पात संयंत्र (एनएसपी) को अलग करने तथा अलग की गई कंपनी में निहित भारत सरकार की पूरी हिस्‍सेदारी को एक रणनीतिक खरीददार के लिए विक्रय द्वारा इसके रणनीतिक विनिवेश को अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। नागरनार संयंत्र के विनिवेश को लेकर भूपेश सरकार ने आपत्ति भी जताई थी।

नागरनार इस्‍पात संयंत्र छत्‍तीसगढ़ में बस्‍तर जिले के नागरनार में एनएमडीसी द्वारा स्‍थापित तीन मिलियन प्रति‍वर्ष क्षमता वाला एक एकीकृत इस्‍पात संयंत्र है। यह संयंत्र 1980 एकड़ क्षेत्र में फैला है और इसकी संशोधित लागत 23,140 करोड़ रूपये (14.07.2020 के अनुसार) है। उपर्युक्‍त तिथि पर एनएमडीसी ने इस परियोजना पर 17,186 करोड़ रूपये निवेश किए हैं, जिसमें से 16,662 करोड़ रूपये एनएमडीसी के अपने कोस्‍ट से तथा 524 करोड़ रूपये बॉन्ड बाजार से जुटाए गए हैं।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति द्वारा अलगाव और विनिवेश की प्रक्रिया एक साथ शुरू करने और अलग की गई कंपनी (एनएसपी) के विनिवेश का कार्य सितंबर 2021 तक पूरा करने की बात कही गई थी।

एनएमडीसी इस्‍पात मंत्रालय के तहत एक सूचीबद्ध केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम है और इस कंपनी में भारत सरकार की 69.65 प्रतिशत की हिस्‍सेदारी है।

  • Website Designing