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नई दिल्ली। कोयला, बिजली और रेल सेक्टर अब कोविड-19 संकट से उबर रहे हैं। तीनों सेक्टर की हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस बात के संकेत मिले हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में वर्चुअल बैठक हुई। ऊर्जा सचिव, कोयला सचिव सहित सभी कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषांगिक कंपनियों के सीएमडी भी शामिल हुए। बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। इसलिए पावर प्लांटस को कोयले की आपूर्ति बढ़ानी होगी। रेलवे अधिक कोयला ढुलाई के लिए तैयार है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बीते सितंबर में कोयला, बिजली और रेल की स्थिति बेहतर रही है। आने वाले महीनों में इसमें और सुधार होने की उम्मीद है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रेलवे के माल ढुलाई में कोयले का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा होता है। पिछले साल कोयला रेलवे की कुल लोडिंग 1,210 मिलियन टन में कोयला का योगदान 587 मिलियन टन थी।

सितंबर में, भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई से 9,896.86 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले वर्ष की समान अवधि (8,716.29 करोड़ रुपये) की तुलना में 1,180.57 करोड़ रुपये अधिक है। माल ढुलाई राजस्व में 13.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सितंबर में माल ढुलाई पिछले वर्ष के सितंबर की तुलना में 15.3 प्रतिशत अधिक रहा है। संतोष की बात है कि इसमें सितंबर माह में कोयले का योगदान पहले से भी ज्यादा रहा।

कोयला उत्पादन और डिस्पैच में सुधार

  • सितंबर 2020 में कोल इंडिया का कोयला उत्पादन 40.51 मिलियन टन हुआ। वहीं सितंबर 2019 में कोयले का उत्पादन 30.78 मिलियन टन था। सितंबर में कोयला कंपनियां कोरोना से उबरती दिखीं और ज्यादा उत्पादन करने में सफल रहीं ।
  • अप्रैल से सितंबर 2020 में यानी कोरोना काल में कोयले का उत्पादन 236.05 मिलियन टन हुआ। 2019 में अप्रैल से सितंबर तक कोयला उत्पादन 240.93 मिलियन टन था। मात्र चार मिलियन टन का असर छह माह में पड़ा।
  • सितंबर में कोयला डिस्पैच यानी ढ़लाई में काफी सुधार हुआ। 46.46 मिलियन टन कोयला सितंबर 2020 में डिस्पैच किया गया। 31.7ः वृद्धि दर है। 2019 सितंबर में 35.28 मिलियन टन कोयले की एुलाई हुई थी।
  • अप्रैल से सितंबर 2020 का आंकड़ा देखें तो डिस्पैच 254.93 मिलियन टन हुआ। इसी अवधि में 2019 में 275.93 मिलियन टन डिस्पैच हुआ था। कोरोना के कारण आयोजित लॉकडाउन में अप्रैल से जून तक कोयला डिस्पैच परन काफी असर पड़ा। जुलाई में कुछ सुधार हुआ। अगस्त में कुछ और सितंबर में स्थिति तेजी से सुधरी।
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