कोरबा (IP News). 18 साल बाद फिर सेे छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में एल्यूमिनियम पार्क को लेकर कवायद शुरू हुई है। राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कोरबा में इसकी स्थापना का ऐलान किया था। इसके पीछे का काॅन्सेप्ट एल्यूमिनियम से संबंधित लघु उद्योगों को बढ़ावा देना था।

सोमवार को कोरबा दौरे पर आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की मांग पर एल्यूमिनियम पार्क को लेकर सहमति जताई है। यह पार्क अस्तित्व में आ गया तो निश्चित तौर पर एल्यूमिनियम से जुड़ीं डाउन स्ट्रीम इंडस्ट्रीज में चमक आ सकती है।

यहां बताना होगा कि अजीत जोगी के कार्यकाल में एल्यूमिनियम पार्क का केवल ऐलान ही नहीं हुआ था बल्कि छग राज्य औद्योगिक विकास निगम ने इसकी कार्ययोजना भी तैयारी कर ली थी। पार्क के 140 हेक्टयेर जमीन की आवश्यकता थी। बालको के तत्कालिन प्रबंध निदेशक सीवी कृष्णन ने पार्क की स्थापना में सहयोग देने के साथ लघु उद्योगों को रियायत दर पर कच्चा माल उपलब्ध कराने तथा राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी देने की बात कही गई थी। राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद एल्यूमिनियम पार्क योजना ठंडे बस्ते में चली गई। डा. रमन सिंह के दूसरे कार्यकाल में पार्क को लेकर चर्चा शुरू हुई। नए सिरे जमीन की भी तलाश शुरू हुई पर बात आगे नहीं बढ़ सकी।

जमीन की समस्या आई आड़े

शुरुआत में रिसदी स्थित रिक्त देबू की जमीन का चिन्हांकन किया था। इसके लिए कलेक्टर ने अनुशंसा भी कर दी थी, लेकिन देबू की आपत्ति के बाद ग्राम नुनेरा में जमीन देखी गई। यहां बड़े झाड़ का जंगल ने रूकावट पैदा कर दी। ग्राम दोंदरो सहित ग्राम सोनपुर और रोकबहरी में भी जमीन चिन्हांकित की गई थी।

इसलिए है जरूरी

राज्य पाॅवर हब के रूप में भी जाना जाता है। विद्युत संयंत्रों में एल्यूमिनियम केबल एवं ओवरहेड कंडक्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। इसके अलावा रेलवे में एल्यूमिनियम फेब्रिकेशन एवं इंजीनियरिंग पार्ट से जुड़े उत्पादों का उपयोग होता है। हवाई जहाज, आॅफिस बिल्डिंग निर्माण, पैकेजिंग, वाहनों का बाॅडी स्ट्रक्चर, व्हील्स, फर्मा, बर्तन आदि में एल्यूमिनियम का इस्तेमाल किया जाता है। एल्यूमिनियम से जुड़े लघु उद्योग शुरू होंगे तो अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा और रोजगार सृजन होंगे।

 

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