रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को पूर्व भुगतान प्रणाली यानी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) पेश करने का प्रस्ताव किया। आरबीआई ने कहा डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने में पीपीआई की अहम भूमिका है। नई सेवा इसके उपयोग की सुविधा को और बढ़ाएगी। आरबीआई के इस पीपीआई से अधिकतम 10,000 रुपये की की खरीदारी की जा सकेगी। माना जा रहा है कि इससे पेटीएम और गूगल पे जैसे वॉलेट को कड़ी टक्कर मिलेगी।
बैंक खाते से पैसे डालने की सुविधा मिलेगी
पीपीआई का उपयोग हर तरह के डिजिटल भुगतान में हो सकेगा, जिसमें बिल भुगतान और खरीदारी आदि शामिल होंगे। इस प्रीपेड कार्ड में सिर्फ बैंक खाते से ही पैसे डालने की सुविधा होगी। साथ ही इससे पैसे की वापसी सिर्फ बैंक खाते में ही होगी। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि नए पीपीआई का इस्तेमाल उपयोगकर्ता के अनिवार्य न्यूनतम विववरण के साथ हो सकेगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि इस संबंध में वह दिशानिर्देश 31 दिसंबर, 2019 को जारी करेगा।
क्या होता है पीपीआई
पीपीआई एक वित्तीय उपकरण है, जिसमें पहले से पैसे डाल कर रखे जा सकते हैं। इससे खरीदारी करने के साथ दोस्त या रिश्तेदार आदि को पैसे भी भेजे जा सकते हैं। इसमें प्रीपेड कार्ड और मोबाइल वॉलेट शामिल हैं। मौजूदा समय में देश में तीन तरह के पीपीआई काम कर रहे हैं। ये हैं सेमी क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई, क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई और ओपन सिस्टम पीपीआई।
सुरक्षा पर जोर रहेगा
डिजिटल भुगतान बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलो में भी इजाफा हुआ है। इसको लेकर विशेषज्ञों ने भी चिंता जाहिर की है। हाल के दिनो में भी कई मामले आए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शायद आरबीआई ने इस मुद्दे पर गौर करते हुए आने वाले पीपीआई की सीमा 10 हजार रुपये रखने का फैसला किया है। इससे खाते की सुरक्षा पर कोई खतरा नहीं होगा।
आशंकाएं और उम्मीदें
आरबीआई का पीपीआई लाने का प्रस्ताव वित्तीय क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि केन्द्रीय बैंक की ओर से इस पहल की वजह से उसका पीपीआई ज्यादा भरोसेमंद होगा। इसका इस्तेमाल ज्यादा लोग करने को प्रोत्साहित हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर इससे इस तरह की भुगतान सेवा वाले खिलाड़ियों को कड़ी चुनौती मिल सकती है।
वर्तमान स्थिति
मौजूदा समय में प्रीपेड भुगतान सेवा के तहत बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड से पीपीआई में पैसे रखे जा सकते हैं। इनकी मासिक सीमा 50,000 रुपये है। अभी बैंकों और गैर-बैंकिंग इकाइयों को इस तरह के कार्ड जारी करने की अनुमति है। वर्तमान में देश में तीन तरह की प्रीपेड भुगतान प्रणालियां उपलब्ध हैं। इसके अलावा कॉरपोरेट ग्राहकों के लिए विदेशी मुद्रा में लेनदेन वाले खाते खोलने की अनुमति है।