सूरजपुर (IP News). विश्व हाथी दिवस के अवसर पर सूरजपुर जिले में स्थित हाथी राहत एवं पुनर्वास केन्द्र रमकोला (तमोर पिंगला अभ्यारण्य) में हाथियों का संरक्षण तथा जागरूकता संबंधी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वन मंत्री मोहम्मद अकबर के संदेश का वाचन भी किया गया। इस अवसर पर रमकोला केन्द्र के हाथियों को सजाकर तथा तिलक लगाकर केला, सेव, कटहल, नारियल, गन्ना और खिचड़ी खिलाया गया।

विश्व हाथी दिवस पर वन मंत्री अकबर के संदेश का वाचन करते हुए अवगत कराया गया कि धरती के इस विशालकाय वन्यप्राणी के रहवास क्षेत्र को अच्छा बनाने तथा मानव हाथी सह-अस्तित्व की स्थिति निर्मित करने के लिए हम सब मिलकर प्रयास करें, ताकि हाथियों के संरक्षण के साथ-साथ वनवासियों और उनके सम्पत्तियों को भी सुरक्षित रखा जा सके। छत्तीसगढ़ में लगभग 35 वर्ष पूर्व हाथियों का आगमन राज्य के उत्तरी तथा उत्तरी पूर्वी सीमा से क्रमशः तत्कालीन बिहार व वर्तमान झारखण्ड तथा ओड़िशा राज्य से हुआ है। तब से लेकर आज तक राज्य के सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, कोरिया, जशपुर, कोरबा, रायगढ़, महासमुंद, धमतरी, बलौदाबाजार तथा गरियाबंद जिलों में हाथियों का विचरण हो रहा है। वर्तमान में राज्य में हाथियों की संख्या 285 के आस-पास है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पी.व्ही. नरसिंग राव के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में हाथियों का संरक्षण तथा जागरूकता संबंधी विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी)  अरूण पाण्डेय ने बताया कि इसमें हाथियों के संरक्षण, क्षतिपूर्ति के लिए समय पर मुआवजा वितरण, हाथी मानव द्वंद एवं सह-अस्तित्व आदि विषयों पर चर्चा करते हुए जन-जागरूकता संबंधी उपयों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर उप निदेशक हाथी रिजर्व सुश्री प्रभाकर खलखो ने बताया कि मानव तथा हाथी के बीच सह-अस्तित्व की स्थिति निर्मित हो, इसके लिए जन-जागरूकता पर विशेष जोर दिया जा रहा है। कार्यक्रम में जिला पंयायत सूरजपुर की अध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी मराबी तथा हाथी रिजर्व सरगुजा के क्षेत्र निदेशक एस.एस. कंवर सहित संबंधित विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।

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