केंद्रीय बिजली मंत्री मंत्री आर के सिंह ने बुधवार को कहा कि देश में बिजली उपकरण विनिर्माण के लिये अलग क्षेत्र स्थापित करने के वास्ते कार्य बल का गठन किया गया है।साथ ही उन्होंने घरेलू विनिर्माताओं से उन देशों से आयात बंद करने को कहा है जो चिंता का कारण बने हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार आयात पर कड़ी नजर रख रही है क्योंकि बिजली उपकरण को लेकर हमारा जोर स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता में कमी लाने पर है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह ने इंडियन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरर्स एसोसएिशन (आईईईएमए) के सालाना सम्मेलन 2020 में यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा क्षेत्र ऐसा है जो साइबर हमलों की चपेट में आ सकता है। हमने पूरे देश को एक ग्रिड में जोड़ा है… आप एक हिस्से को नीचे लायेंगे तो बाकी हिस्सा ध्वस्त हो जाएगा। इसीलिए हमें सभी आयात की जांच की जरूरत है। वास्तव में हम इस बात का पता लगा रहे हैं कि कहीं आयातित कल-पुर्जों में कोई उपकरण तो नहीं लगाया गया।इसीलिए आपको मेरी सलाह है कि उन देशों से आयात बंद कीजिए जिनसे हमें खतरा है या जो चिंता का विषय बने हुए हैं।’’ सिंह ने कहा कि सरकार सावधानी पूवर्क आयातित उपरकणों की जांच जारी रखेगी। उन्होंने संकेत दिया कि आयात की पसंद से व्यवसाय को नुकसान भी हो सकता है।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सरकार-उद्योग भागीदारी की जरूरत है। पूरी दुनिया इसी प्रतिरूप पर काम करती है। मंत्री ने कहा कि सरकार उद्योग को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है।दउपकरणों का देश में विनिर्माण होने से रोजगार सृजित होंगे। इससे विदेशी मुद्रा के बाहर जाने पर भी रोक लगेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कार्यबल का गठन किया है और उन्हें देश में विद्युत उपकरणों का विनिर्माण क्षेत्र गठित करने का काम दिया है।मैं तीन से चार विनिर्माण क्षेत्र गठित करने पर विचार कर रहा हूं जहां आपको युक्तिसंगत मूल्य पर जमीन, बिजली मिलेगी। हम एक साझा परीक्षण केंद्र स्थापित करेंगे।’’ सिंह ने यह भी कहा, ‘‘अगर हमें यहां रोजगार सृजन करने की जरूरत है, तब हमें देश के बाहर…चीन या अन्य किसी देशों में पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं है।

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