कोरबा (IP News). सार्वजनिक उपक्रमों में प्री मैच्योर रिटायरमेंट स्कीम पर अमल शुरू हो गया है। देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी के तीन अधिकारियों को इस योजना के तहत जबरन रिटायरमेंट का आदेश थमाया गया है। पहली गाज एनटीपीसी के पश्चिम बंगाल में स्थित रम्मम हाइडो पाॅवर प्रोजेक्ट के एचआर डिपार्टमेंट में अधिकारी तेजसविता सचदेवा पर गिरी है। 15 सितंबर को सीजीएम सतीश उपाध्याय द्वारा प्री मैच्योर रिटायरमेंट का पत्र जारी किया गया है। इसी तरह 16 सितंबर को दो अधिकारियों को सेवानिवृत्ति दी गई है। ओडिशा के सुंदरगढ़ में स्थित दर्लिपाली सुपर पाॅवर प्रोजेक्ट के आईटी सेक्शन में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत देबाशीश मुखर्जी को प्री मैच्योर रिटायरमेंट किया गया है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में स्थित फरक्का सुपर पाॅवर प्रोजेक्ट में मैनेजर एचआर संजय कांत वर्मा को रिटायर किया गया है। तीनों ही अधिकारी की आयु 50 वर्ष से अधिक है। इस आदेश के बाद 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके या 30 साल की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

यहां बताना होगा कि एनटीपीसी के अलावा रेलवे, बीईएल, बीएचईएल में भी प्री मैच्योर रिटायरमेंट स्कीम को लागू किया गया है। हाल ही में संसद में केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा था कि सरकार की प्री मैच्योर रिटायरमेंट की कोई योजना नहीं है।

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