अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मंगल यान परसीवरेंस ने मंगल ग्रह के वायुमंडल में विद्यमान कार्बन डाइ ऑक्‍साइड से ऑक्‍सीजन बनाने में कामयाबी हासिल की है। अमरीका के मंगल अभियान ने शुक्रवार को मिनी हैलीकॉप्‍टर उड़ाने में सफलता प्राप्‍त की थी। उसके बाद ऑक्‍सीजन बनाकर टेक्‍नोलाजी का दूसरा सफल प्रदर्शन किया गया है। ऑक्‍सीजन गैस बनाने का कार्य रोवर यान में मॉक्‍सी-यानी मार्स ऑक्‍सीजन इन सिटू रिसोर्स यूटिलाइजेशन एक्‍सपेरीमेंट नाम की एक छोटी सी इकाई में किया गया। इसमें 5 ग्राम ऑक्‍सीजन बनायी गयी जो मंगल ग्रह में किसी व्‍यक्ति के करीब 10 मिनट तक सांस लेने के लिए काफी है।

नासा ने भविष्‍य में मंगल ग्रह के लिए अपने अभि‍यान बढ़ाने की योजना बनायी है जिसके लिए धरती से ऑक्‍सीजन लेकर जाने की बजाय वहीं यह गैस बनाने के लिए बड़े आकार की मॉक्‍सी इकाई बनानी होगी। मंगल ग्रह के वायुमंडल में कार्बन डाइ ऑक्‍साइड का बाहुल्‍य है। अनुमान है कि प्रति घंटे 10 ग्राम ऑक्‍सीजन का उत्‍पादन किया जा सकेगा।

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