चन्‍द्रयान-3 (Chandrayaan 3) के प्रक्षेपण की तैयारियां जारी हैं। श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र में आज चन्‍द्रयान-3 को जी.एस.एल.वी. मार्क-3 (GSLV Mark III) राकेट से साथ जोड़ा गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ट्वीट में यह जानकारी दी है। चन्‍द्रयान-3 को 12 से 19 जुलाई के बीच प्रक्षेपित करने की योजना है।

प्रोपल्‍शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर के साथ चन्‍द्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर चंद्रमा की परिक्रमा करेगा। यह मिशन भी चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 की तरह चन्‍द्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसरो चन्‍द्रमा की सतह पर दूसरी बार लैंडर को उतारने का प्रयास कर रहा है।

भारतीय अंतरिक्ष ऐजेंसी ने चन्‍द्रयान-2 मिशन से सीख लेते हुए इस बार कई सुधार किए है। वर्ष 2019 में सॅाफ्टवेयर की गडबडी के कारण लैंडर चन्‍द्रमा की सतह से टकरा गया था। इस बार चंद्रयान 3 के लैंडर को धीरे से चन्‍द्रमा की सतह पर उतारा जायेगा। इसके बाद लैंडर से निकलकर रोवर स्‍थल के आसपास की तापीय चालकता, तापमान और भूकंपीय गतिविधि को मापेगा। इसके अलावा अन्‍य जानकारी भी पृथ्‍वी पर भेजेगा।

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