इस बात की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी कि 14 मार्च को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में मोबाइल जीएसटी को बढ़ाने पर मुहर लग सकती है। उइसके पीछे विशेषज्ञों ने यह तर्क दिया था कि जीएसटी दरें बढ़ाने से विनिर्माताओं के पास पूंजी की स्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन इससे तैयार माल की कीमतें बढ़ सकती हैं।

अभी मोबाइल फोन पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है, जबकि इनपुट की दर 18 प्रतिशत है। अधिकारी ने 12 मार्च को कहा था, ”मोबाइल फोन को 12 प्रतिशत जीएसटी दर के दायरे में बनाये रखने के पीछे शायद ही कोई तार्किक कारण हो, क्योंकि टीवी, टॉर्च, गीजर, आइरन, हीटर, मिक्सर, जूसर आदि जैसे कई सामानों पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लग रहा है।”

जीएसटी काउंसिल बैठक की अहम बातें:

1. इन्फोसिस से जीएसटी नेटवर्क के प्रबंध में अधिक कुशल कर्मचारियों को लगाने, हार्डवेयर की क्षमता बढ़ाने को कहा गया है।
2. जुलाई, 2020 तक इन्फोसिस को एक बेहतर जीएसटीएन प्रणाली सुनिश्चित करनी होगी।
3. मोबाइल फोन, विशेष कलपुर्जों पर जीएसटी की दर 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत की गई।
4. जीएसटी भुगतान में देरी पर एक जुलाई से शुद्ध कर देनदारी पर ब्याज लगेगा।
5. विमानों की रखरखाव, मरम्मत, ओवरहॉल (एमआरओ) सेवाओं पर जीएसटी की दर 18 से घटाकर 5 प्रतिशत की गई।
6. हस्त निर्मित, मशीन से बनी माचिस पर जीएसटी की दर को तर्कसंगत बनाकर 12 प्रतिशत किया गया।
7. दो करोड़ रुपए से कम कारोबार वाली इकाइयों को वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने में देरी पर विलम्ब-शुल्क माफ।

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