सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता को तूतिकोरिन में स्थित स्टरलाइट कॉपर प्लांट में ऑक्सीजन के उत्पादन की मंजूरी दे दी है। मंगलवार को सुनवाई करते हुए जस्टिट डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि हम केवल ऑक्सीजन के उत्पादन की मंजूरी दे रहे हैं। प्लांट केवल ऑक्सीजन उत्पादन के लिए खोला जाएगा। यह अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।

सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि इस प्लांट में बनाई जाने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई केंद्र की ओर से आवंटित राज्यों को होनी चाहिए। वेदांता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ एडवोकेट हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हम केवल ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करना चाहते हैं। हमारी बिजली प्लांट को शुरू करने की कोई योजना नहीं है। ऑक्सीजन प्लांट को चलाने के लिए बिजली राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने पूछा कि आप कब तक इस प्लांट को शुरू कर सकते हैं? इस पर साल्वे ने उत्तर दिया कि हम 10 दिन में ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर सकते हैं। स्टरलाइट गैस लीक के पीड़ितों के परिवारों की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि वेदांता एक क्रोनिक डिफॉल्टर है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि हम इस समय मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हम केवल ऑक्सीजन प्लांट चलाने की मंजूरी दे रहे हैं।

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