कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार द्वारा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड  की 12वीं की परीक्षा रद्द करने की घोषणा के बाद अब हर किसी के मन में सवाल यह है कि 12वीं की परीक्षा नहीं होगी तो छात्रों को प्रमोट किस आधार पर किया जाएगा।

इस बीच सीबीएसई ने 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के उद्देश्य से मानदंड तय करने के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति 10 दिनों में रिपोर्ट पेश करेगी। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई थी।

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चित स्थिति और विभिन्न पक्षकारों की राय के आधार पर यह फैसला किया गया था कि इस वर्ष सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि यह भी फैसला किया गया कि समयबद्ध तरीके से परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए वस्तुनिष्ट मानदंड निर्धारित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के उद्देश्य से सीबीएसई ने वस्तुनिष्ठ मानदंड तय करने के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया।

यह समिति 10 दिनों के भीतर 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के मूल्यांकन मानदंड पर रिपोर्ट सौंपेगी। गौरतलब है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया था।

सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है, जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

छात्रों को अंक किस आधार पर मिलेंगे और परिणाम कैसे तैयार होगा, इस बारे में सीबीएसई ने कहा था कि समय के अनुसार उचित मानदंड के तहत अंक दिए जाएंगे और परिणाम तैयार होगा।

वहीं छात्रों को परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जाएगा। जो छात्र अपने अंक से संतुष्ट नहीं होंगे वे बाद में परीक्षा देने का विकल्प चुन सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले पर सुनवाई चल रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सीबीएसई और काउंसिल फॉर इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीआईएससीई) के 12वीं कक्षा की मूल्यांकन नीति तय करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।

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