नई दिल्ली, 05 मई। Coal Ministry Action Plan : कोयला मंत्रालय (Coal Ministry) ने कोयला क्षेत्र में उत्पादन, दक्षता, स्थिरता और नई प्रौद्योगिकियों को विकसित आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्‍य को प्राप्त करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एक कार्य योजना की संकल्‍पना की है। इस महत्वाकांक्षी योजना में एक रोडमैप तैयार किया गया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है :

कोयला विश्लेषिकी (Coal Analytics)

  • कोयला उत्पादन – मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1012 MT के कुल कोयला उत्पादन (Coal Production) लक्ष्य को अंतिम रूप दे दिया है।
  • खदानों की आउटसोर्सिंग – मंत्रालय ने कोयला उत्पादन और दक्षता बढ़ाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड खदानों/ब्लॉकों के संचालन के लिए खनन डेवलपर्स सह ऑपरेटरों (एमडीओ) और राजस्व साझेदारी के आधार पर बंद/परित्यक्त खदानों में उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
  • कोकिंग कोल रणनीति – आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा पर पूर्णतः ध्‍यान केंद्रित करने के लिए कोयला मंत्रालय ने आयात को कम करने के लिए देश में कोकिंग कोयले की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक कोकिंग कोल रणनीति तैयार की है।
  • कोयले की गुणवत्ता – कोयला मंत्रालय और कोयला कंपनियों ने सभी उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण कोयले की आपूर्ति के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कई उपाय किए हैं। लोडिंग के समय कोयले के नमूने लेने और विश्लेषण का कार्य करने के लिए बिजली और गैर-बिजली दोनों कोयला उपभोक्ताओं के लिए सूचीबद्ध तीसरे पक्ष की नमूना लेने वाली एजेंसियों को नियुक्त किया गया है।

निजी निवेश (Private Investment) 

  • पूंजीगत व्‍यय और संपत्ति मुद्रीकरण – वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पूंजीगत व्‍यय का लक्ष्य 21030 करोड़ रुपये है कोल इंडिया लिमिटेडः 16,500 करोड़ रुपये, एनएलसीआईएलः 2,880 करोड़ रुपये और साउथ ईस्‍टर्न कोलफील्‍ड्स लिमिटेड : 1650 करोड़ रुपये) वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए संपत्ति मुद्रीकरण योजना का समग्र अनुमानित लक्ष्य 50,118.61 करोड़ रूपये हैं।
  • वाणिज्यिक खनन – वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान मंत्रालय ने 33.224 मिलियन टन प्रति वर्ष के संचयी पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) वाली कुल 23 कोयला खदानों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन खदानों से पीआरसी पर गणना करके 4,700.80 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्ति की उम्मीद है। इन खदानों से 44,906 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की आशा है। वाणिज्यिक नीलामी के छठें दौर के लिए प्राप्त अच्‍छी प्रतिक्रिया को देखते हुए यह उम्मीद की जाती है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 25 कोयला खदानों को वाणिज्यिक खनन के लिए आवंटित किया जाएगा।

अवसंरचना परियोजनाएं (Infrastructure Projects)

  • प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान – रेल मंत्रालय के परामर्श से, कोयला मंत्रालय नई रेलवे लाइन परियोजनाओं की बारीकी से निगरानी कर रहा है। ये कोयला निकासी के लिए महत्वपूर्ण हैं और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) पर कोयला क्षेत्र की मैपिंग और एनएमपी पर डैशबोर्ड का उपयोग कर रहा है।
  • कोयला निकासी- एफएमसी और रेलवे लाइन्स – कोयले के प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के लिए कोयला मंत्रालय ने कोयला रसद नीति/योजना अपनाई है, क्योंकि रसद कोयला आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण घटक है।

खानों में सुरक्षा (Safety in Mines)

  • कोयला मंत्रालय आपदा प्रबंधन, सुरक्षा प्रबंधन और प्रतिक्रिया अभ्यास और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) आदि के उपयोग सहित कोयला खदानों में सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम सुरक्षा मानकों और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
  • खानों का बंद होना – खनन किए गए क्षेत्रों में पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए, कोयला मंत्रालय द्वारा अक्टूबर, 2022 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कोल इंडिया लिमिटेड और साउथ ईस्‍टर्न कोलफील्‍ड्स लिमिटेड (एससीसीएल) खानों की एक निश्चित संख्या में वर्ष 2009 से पहले बंद/परित्यक्त/बंद खदानें बंद करने की गतिविधियां इस वर्ष शुरू होंगी।

कोयला क्षेत्र में तकनीकी विस्‍तार (Technology Push to Coal)

  • कोयला क्षेत्र में प्रौद्योगिकी रोडमैप : कोयला मंत्रालय दक्षता, सुरक्षा और पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलीकरण और उप-प्रणालियों के एकीकरण, नई तकनीक (ड्रोन, रिमोट सेंसिंग), विस्फोट मुक्त कोयला खनन में प्रौद्योगिकी रोडमैप को लागू करने की दिशा में कोयला कंपनियों के लिए निगरानी ढांचे को परिचालित करेगा।
  • कोयले से रसायन – स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी की दिशा में एक उद्देश्य के साथ कोयला मंत्रालय ने कोयले से हाइड्रोजन, कोयला और लिग्नाइट गैसीकरण, सीबीएम/सीएमएम आदि विभिन्न पहल की हैं।
  • कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का विविधीकरण – मंत्रालय की विविधीकरण पहल के हिस्से के रूप में कोल इंडिया लिमिटेड को नए व्यावसायिक क्षेत्रों का विस्‍तार किया जा रहा इनमें (एल्यूमीनियम, बिजली, सौर वेफर, सौर ऊर्जा और नवीकरणीय) मूल व्‍यवसाय के विस्तार (1 बीटी) आदि को भविष्य के व्यापार संचालन के लिए विविधतापूर्ण बनाया जा रहा है।

कोयला क्षेत्र में स्थिरता (Sustainability in Coal Sector)

  • कोयला मंत्रालय सतत विकास मॉडल को बढ़ावा देने की संकल्‍पना करता है जिसमें कोयला उत्पादन पर्यावरण संरक्षण, संसाधन संरक्षण, समाज की देखभाल और हमारे वनों और जैव विविधता की रक्षा के उपायों के साथ आगे बढ़ता है।
  • कोयला मंत्रालय ने इस दिशा में हरित पहल, इको-पार्कों/खान पर्यटन का विकास, खदान जल का लाभकारी उपयोग (ओबी) और ऊर्जा कुशल उपायों सहित कुछ प्रमुख स्थायी गतिविधियां चलाई गई हैं।
  • Website Designing