2022 में भारत में शुरू हो जाएगी 5जी सेवा, पहले इन महानगरों को मिलेगी 5 जी नेटवर्क की सुविधा

5जी नेटवर्क का बेसब्री से इंतजार कर रहे देशवासियों के लिए सोमवार को सरकार की तरफ से एक अच्छी खबर निकल कर सामने आई। देश में डीओटी द्वारा चलाया जा रहा स्वदेशी 5जी टेस्ट प्रोजेक्ट अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है।

नई दिल्ली, 27 दिसम्बर। 5जी नेटवर्क का बेसब्री से इंतजार कर रहे देशवासियों के लिए सोमवार को सरकार की तरफ से एक अच्छी खबर निकल कर सामने आई। देश में डीओटी द्वारा चलाया जा रहा स्वदेशी 5जी टेस्ट प्रोजेक्ट अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। दूरसंचार विभाग द्वारा दी गई जानकारी इस प्रकार है :

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5जी टेस्ट बेड: डीओटी द्वारा वित्त पोषित स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड प्रोजेक्ट अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। आठ कार्यान्वयन एजेंसियां ​​जैसे आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, आईआईएससी बैंगलोर, समीर और सीईडब्ल्यूआईटी 36 महीनों की अवधि से काम कर रही हैं। 224 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के 31 दिसंबर 2021 तक पूरा होने की संभावना है, जिससे 5जी उत्पादों/सेवाओं/उपयोग के मामलों को विकसित करने वाले 5जी हितधारकों जैसे स्वदेशी स्टार्ट-अप, एसएमई, शैक्षणिक संस्थान और उद्योग के द्वारा 5जी उपयोगकर्ता उपकरणों (यूई) और नेटवर्क उपकरणों के एंड-टू-एंड परीक्षण का मार्ग प्रशस्त होगा। स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड दूरसंचार क्षेत्र में शुरू की गई एक दूरदर्शी प्रौद्योगिकी विकास परियोजना, देश में “6जी प्रौद्योगिकी परिदृश्य” के विकास के लिए नींव स्थापित करने के अलावा, 5जी प्रौद्योगिकी प्रणाली के घटकों, क्रॉस-सेक्टरल उपयोग मामलों के विकास, परीक्षण और प्रसार को सक्षम बनाएगी।

ट्राई को 5जी सेवाओं का संदर्भ हवाला और रोलआउट: सितंबर, 2021 में, ट्राई को एक संदर्भ हवाला भेजा गया है, जिसमें उद्योग (उद्योग 4.0) के लिये कैप्टिव 5जी अनुप्रयोगों की स्पेक्ट्रम आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार (आईएमटी)/5जी में पहचाने गए स्पेक्ट्रम में 5जी सार्वजनिक और निजी 5जी नेटवर्क के लिए 526-698 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300-3670 मेगाहर्ट्ज और 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में नीलामी के लिये आरक्षित मूल्य, बैंड योजना, ब्लॉक आकार, नीलामी किए जाने वाले स्पेक्ट्रम की मात्रा और शर्तों के संबंध में सिफारिशें मांगी गई हैं। टीएसपी को फ्रीक्वेंसी सौंपने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाएगी।

5जी सेवाओं की शुरुआत के लिये दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी)- मैसर्स भारती एयरटेल, मैसर्स रिलायंस जियो और मैसर्स वोडाफोन आइडिया- ने गुरुग्राम, बैंगलोर, कोलकाता, मुंबई, चंडीगढ़, दिल्ली, जामनगर, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे, गांधी नगर शहरमें 5जी परीक्षण स्थल स्थापित किए हैं। ये मेट्रो और बड़े शहर अगले साल से देश में 5जी सेवाएं शुरू करने वाले पहले स्थान होंगे।

6जी टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रुप (टीआईजी): डीओटी द्वारा एक 6 जी टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रुप (टीआईजी) का गठन क्षमता विवरण, मानक तय करने वाले अंतरराष्ट्रीय निकायों में मानकों के विकास में भागीदारी बढ़ाने के जरिये 6जी प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम के विकास में सह-निर्माण और भाग लेने के उद्देश्य से किया गया है। यह 6जी अवसर का फायदा उठाने के लिए भारत के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस इकोसिस्टम को तैयार करने में आवश्यक होगा। 6 जी टीआईजी में सरकार, शैक्षिक संस्थान, उद्योग संघों और टीएसडीएसआई (टेलीकॉम स्टैंडर्ड डेवलपमेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया) के सदस्य शामिल हैं। 25.11.2021 को अपनी पहली बैठक में, टीआईजी सदस्यों ने वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत के योगदान को बढ़ाने के लिए अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य की प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं को सामने रखा। पहलुओं जैसे वैश्विक 6जी गतिविधियों की मैपिंग; भारत की क्षमताएं और संभावित मानकीकरण से पूर्व की गतिविधियां; मिशन 6जी कार्यक्रम; 2030 और उसके बाद के लिए आईएमटी पर शोध के विचार; नेटवर्क, उपकरण, स्पेक्ट्रम, बहु-विषयक नवीन समाधान के संबंध में सिफारिशें देने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

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क्वांटम कम्युनिकेशंस (क्यूसी): डीओटी की आर एंड डी शाखा, सी-डॉट, वर्तमान में क्वांटम संचार प्रणालियों पर काम कर रही है। क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय मिशन के तहत, ईटीजी (अधिकार प्राप्त प्रौद्योगिकी समूह) ने सी-डॉट की पहचान क्वांटम संचार के लिए प्रमुख एजेंसी के रूप में की है, जो राष्ट्रीय मिशन के चार घटकों में से एक है। टीएसडीएसआई ने हाल ही में एक अध्ययन को मंजूरी दी है जो विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में 5जी नेटवर्क में पोस्ट-क्वांटम-क्रिप्टोग्राफी की आवश्यकता को समझेगी और पोस्ट-क्वांटम-क्रिप्टोग्राफी आधारित सुरक्षा की तरफ जाने की राह विकसित करने के लिये विभिन्न प्रस्तावों को विकसित करेगी।

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