प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 22 मई 2025 को राजस्थान के बीकानेर में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में 103 अमृत स्टेशनों (Amrit stations) का उद्घाटन (वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से) करेंगे। कर्नाटक के 5 रेलवे स्टेशन उन 103 अमृत स्टेशनों में शामिल हैं जिनका उद्घाटन 22 मई 2025 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा। ये स्टेशन हैं – मुनिराबाद, बागलकोट, गदग, गोकक रोड और धारवाड़।
भारत के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 86 जिलों में स्थित इन 103 अमृत स्टेशनों को 1,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। अमृत भारत स्टेशन योजना (एबीएसएस) के तहत 1,300 से अधिक स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकास किया जा रहा है। ये सभी स्टेशन अत्याधुनिक सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। इन स्टेशनों में भारतीय संस्कृति, विरासत और यात्री सुविधाओं का समावेश किया गया है।
पुरे भारत में पुनर्विकसित अमृत स्टेशनों में आधुनिक अवसंरचना को सांस्कृतिक विरासत वाली यात्री-केंद्रित सुविधाओं के साथ एकीकृत किया गया है, जिसमें दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं और यात्रा के अनुभव को बढ़ाने के लिए सतत कार्य प्रणालियों को शामिल किया गया है।
गदग रेलवे स्टेशन: गदग रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास एबीएसएस के तहत 23.24 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हो चुका है। यह स्टेशन अब एक आधुनिक भवन के रुप में है, जिसमें एक विशाल, भव्य रूप से डिजाइन किया गया प्रवेश हॉल है, एक सुव्यवस्थित सर्कुलेटिंग एरिया है जिसमें अलग-अलग प्रवेश और निकास बिंदु और ऑटो, दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए समर्पित पार्किंग है। प्लेटफार्म 1, 2 और 3 को नए शेल्टर, शौचालय ब्लॉकों, दिव्यांगजनों के अनुकूल सुविधाओं, बेहतर साइनेज और 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज के साथ अपग्रेड किया गया है। लिफ्ट सुविधा और एस्केलेटर पूरी तरह से कार्यात्मक हैं। प्रतिदिन 40 से अधिक रेलगाड़ियों के रुकने के साथ यह उन्नत स्टेशन एक स्वच्छ, कुशल और यात्री-अनुकूल वातावरण प्रदान करता है।
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गडग रेलवे स्टेशन उत्तरी कर्नाटक में एक प्रमुख जंक्शन है, जो हुबली, बेंगलुरु, मुंबई और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ता है।
धारवाड़ रेलवे स्टेशन: एबीएसएस के तहत धारवाड़ रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास 17.1 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हो चुका है। स्टेश के प्रमुख सुधारों में एक नया दूसरा प्रवेश द्वार, सभी प्लेटफार्मों को जोड़ने वाला 12 मीटर चौड़ा फुट ओवर ब्रिज और आसान पहुंच के लिए तीन लिफ्ट शामिल हैं। प्लेटफार्म 1 पर दो एस्केलेटर लगाए गए हैं, जिनके अग्रभाग पर प्रकाश व्यवस्था की गई है, जो इसके सौंदर्य बढ़ाती है। स्टेशन पर अब आधुनिक साइनेज, यात्री सूचना प्रणाली, डिजिटल घड़ियाँ, नया फर्नीचर और दिव्यांगजनों के अनुकूल सुविधाओं के साथ उन्नत शौचालय हैं। इसके अतिरिक्त, यात्रियों को बेहतर सेवा देने के लिए पार्किंग क्षेत्र, टिकट काउंटर और पेयजल सुविधाओं का विस्तार किया गया है।
धारवाड़ रेलवे स्टेशन उत्तरी कर्नाटक में एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र है, जो लोंडा-हुबली लाइन पर स्थित है। यह धारवाड़ को हुबली, बेंगलुरु, बेलगावी, पुणे और गोवा जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ता है।
बागलकोट रेलवे स्टेशन: अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 16.06 करोड़ रुपये की लागत से बागलकोट रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इस उन्नत स्टेशन में अब एक नया स्टेशन भवन है जो आधुनिक यात्रा अनुभव प्रदान करता है। इसमें एक सुव्यवस्थित सर्कुलेटिंग एरिया है जिसमें अलग-अलग प्रवेश और निकास बिंदु और ऑटो, दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए समर्पित पार्किंग है। उन्नत यात्री सुविधाओं में पोर्च, योजनाबद्ध डिजाइन वाला प्रवेश हॉल, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग प्रतीक्षा कक्ष, प्लेटफ़ॉर्म 1 और 2 पर लिफ्ट औरपूर्ण रूप से कार्यात्मक एस्केलेटर शामिल हैं। प्लेटफार्म को नए शेल्टर, शौचालय ब्लॉकों, दिव्यांगजनों के अनुकूल जल बूथ, बेहतर साइनेज, कोच इंडिकेशन बोर्ड और 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज के साथ अपग्रेड किया गया है।
उत्तरी कर्नाटक में रणनीतिक रूप से स्थित, बागलकोट रेलवे स्टेशन महत्वपूर्ण गदग-होतगी रेल लाइन पर स्थित है, जो शहर को हुबली, विजयपुरा, सोलापुर और बेंगलुरु से जोड़ता है।
मुनिराबाद रेलवे स्टेशन: एबीएसएस के तहत मुनीराबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास 18.40 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हो चुका है। उन्नत स्टेशन में अब एक नया भवन, एक सुव्यवस्थित सर्कुलेटिंग एरिया, अलग-अलग प्रवेश एवं निकास बिंदु और ऑटो, दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए समर्पित पार्किंग स्थल हैं। स्टेशन के प्रमुख सुधारों में 3600 वर्गमीटर में फैले प्लेटफॉर्म शेल्टर, 12 मीटर चौड़ा विशाल फुट ओवर ब्रिज, आधुनिक साइनेज, अग्रभाग प्रकाश व्यवस्था और नए स्ट्रीट फर्नीचर शामिल हैं। यात्रियों की सुविधा को दो आपरेशनल लिफ्टों, नवीनीकृत प्रतीक्षालय, स्वच्छ शौचालयों और बेहतर बैठने की व्यवस्था के साथ बढ़ाया गया है। कोच गाइडेंस और लेआउट डिस्प्ले बोर्ड सहित उन्नत यात्री सूचना प्रणालियाँ पूरी तरह कार्यात्मक हैं, जिससे यात्रा सुगम हो जाती है।
कर्नाटक के कोप्पल जिले में स्थित मुनिराबाद रेलवे स्टेशन हुबली-गुंटकल रेल लाइन के माध्यम से कर्नाटक को आंध्र प्रदेश से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
मुनिराबाद यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हम्पी से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो सिर्फ 10 किमी दूर है। यह विरुपाक्ष मंदिर, विट्ठल मंदिर और स्टोन चैरियट जैसे प्रसिद्ध स्मारकों के लिए दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह स्टेशन तुंगभद्रा बांध और प्रसिद्ध तीर्थ स्थल अंजनाद्रि पहाड़ी जैसे आकर्षणों तक भी पहुंच प्रदान करता है।
गोकक रोड रेलवे स्टेशन: अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 16.98 करोड़ रुपये की लागत से गोकक रोड रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। परिचालन दक्षता में सुधार और यात्री सुविधा को बढ़ाने के लिए 546 वर्ग मीटर में एक नया जी+1 स्टेशन भवन बनाया गया है। 3463 वर्ग मीटर के परिचालित क्षेत्र को समर्पित पार्किंग और सुगम वाहन आवागमन क्षेत्रों के साथ विकसित किया गया है। पुराने ढांचे की जगह 12 मीटर चौड़ा नया फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) बनाया गया है, जिससे क्रॉस-प्लेटफॉर्म पहुंच में सुधार हुआ है। अतिरिक्त अपग्रेड में आधुनिक प्लेटफ़ॉर्म शेल्टर, नवीनीकृत शौचालय, लिफ्ट, एक विशाल प्रतीक्षालय और उन्नत साइनेज, प्रकाश व्यवस्था और डिजिटल सूचना प्रणाली शामिल हैं। इन सुधारों से क्षेत्रीय संपर्क, पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मिराज-लोंडा रेलवे लाइन पर बेलगावी जिले में रणनीतिक रूप से स्थित गोकक रोड रेलवे स्टेशन उत्तरी कर्नाटक में यात्री और माल ढुलाई दोनों को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कृषि और औद्योगिक केंद्रों को बेलगावी, हुबली, पुणे और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ता है।