एशिया के सबसे बड़े आयरन एंड स्टील रिसर्च सेंटर सेल के आयरन एंड स्टील रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर (आरडीसीआईएस) और भिलाई इस्पात संयंत्र के इंजीनियरों ने मिलकर निकल-क्रोमियम-कॉपर अर्थात एनसीसी ग्रेड रेल के लिए एक अद्वितीय वेल्डिंग और पोस्ट वेल्ड-नियंत्रित कूलिंग प्रोग्राम विकसित किया है।

सेल-बीएसपी, दुनिया में एनसीसी रेल का एकमात्र उत्पादक है। भारतीय रेल नेटवर्क के तटीय क्षेत्रों और जंग प्रवण स्थानों में रेल बिछाने के लिए एनसीसी रेल का विकास किया गया है जिसे सेल के आरडीसीआईएस, भारतीय रेलवे के अनुसंधान विंग, आरडीएसओ और आईआईटी कानपुर के संयुक्त सहयोग से भारत सरकार के तहत रेल सुरक्षा पर गठित प्रौद्योगिकी मिशन (टीएमआरएस) द्वारा विकसित किया गया है। भारतीय रेलवे द्वारा पिछले कुछ वर्षों में यह रेल फील्ड परीक्षणों के तहत उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।

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भिलाई स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने प्लांट के यूनिवर्सल रेल में एक समारोह में कहा की “आखिरकार, एक लंबे समय से प्रतीक्षित सपना सच हुआ। अब भिलाई इस्पात संयंत्र, भारतीय रेलवे को 260 मीटर वेल्डेड पैनल में एनसीसी रेल की आपूर्ति करने की स्थिति में हैं, जो अब तक 13 मीटर तक सीमित था।

बीएसपी के प्रभारी निदेशक ने व्यक्तिगत रूप से परियोजना में रुचि लेते हुए परीक्षण चरणों के दौरान टीम के मनोबल को लगातार बढ़ाया है। उन्होंने आरडीसीआईएस और बीएसपी टीम को बधाई दी और कहा, “हमारे पास रेल के नए ग्रेड के विकास के साथ पूरी दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता है। इस अवसर पर बीएसपी के कार्यपालक निदेशक (वर्क्स), अंजनी कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (गुणवत्ता), संदीप कुमार कर, मुख्य महाप्रबंधक (यूआरएम), अनीश सेनगुप्ता, महाप्रबंधक (प्रचालन), यूआरएम, एच के पाठक, महाप्रबंधक (गुणवत्ता), के वी शंकर, डीजीएम (यूआरएम), परमिंदर सिंह, और डीजीएम (आरडीसीआईएस), संजीव कुमार विषेष रूप से उपस्थित थे।

एनसीसी रेल के पारंपरिक वेल्डिंग प्रक्रिया में वेल्ड ज्वाइंट के गर्मी प्रभावित क्षेत्र में अवांछित सूक्ष्म संरचना और कठोरता विकसित हो जाती हैं। श्री संजीव कुमार, डीजीएम (रोलिंग), आरडीसीआईएस रांची के नेतृत्व में आरडीसीआईएस इंजीनियरों की एक टीम ने आरडीसीआईएस प्रयोगशाला में प्रयोगों के माध्यम से एनसीसी रेल की वेल्डिंग की रणनीति विकसित की है।

शोध के निष्कर्षों को भिलाई स्टील प्लांट की यूनिवर्सल रेल मिल में रेल वेल्डिंग मशीन में लागू किया गया। श्री अनीश सेनगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक, यूआरएम ने आवश्यकता के अनुसार वेल्डिंग सॉफ्टवेयर और एनीलिंग कार्यक्रम को संशोधित किया। यूआरएम में एनसीसी रेल पर वेल्डिंग प्रयोगों के पांच चरणों के बाद, अंतिम वेल्डिंग कार्यक्रम विकसित किया गया है और भारतीय रेलवे के 2012 में संशोधित फ्लैश बट वेल्डिंग मैनुअल के प्रोटोकॉल के अनुसार इसका अनुमोदन जुलाई, 2021 में लिया गया।

अनुमोदन के पश्चात् किये गये परीक्षण को रेल मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम, रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस लिमिटेड (राइट्स लिमिटेड) द्वारा अवलोकन कर प्रमाणित किया गया। इस प्रकार वेल्डिंग ज्वाइंट के अनुमोदन परीक्षण को सफलतापूर्वक मंजूरी दी गई।

इस प्रकार स्वीकार्य वेल्ड ज्वाइंट के विकास ने बीएसपी को इन रेलों को 260 मीटर वेल्डेड पैनल के साथ आपूर्ति करने में सक्षम बनाया है। विदित हो कि भारतीय रेलवे तटीय क्षेत्रों में ट्रैक बिछाने के लिए 260 मीटर वेल्डेड पैनल में इन रेलों की तलाश कर रहा था जो अब पुरी हुई। तटीय क्षेत्रों में प्रतिकूल संक्षारक वातावरण के तहत एनसीसी रेल सामान्य रेल की तुलना में दोगुने समय तक चलने की गारंटी देती है।

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राष्ट्रीय महत्व के उत्पाद के लिए वेल्डिंग तकनीक विकसित करने के लिए आरडीसीआईएस रांची में एक विशेष समारोह में कार्यपालक निदेशक (आरडीसीआईएस), निर्विक बनर्जी ने आरडीसीआईएस रांची के डीजीएम, संजीव कुमार के नेतृत्व में आरडीसीआईएस टीम में शामिल सीनियर मैनेजर,  अभिषेक मैत्रा, आरडीसीआईएस, भिलाई सेंटर के महाप्रबंधक, पीके ठाकुर एवं सीनियर मैनेजर, रवि प्रताप सिंह और बीएसपी टीम को बधाई दी।

आरडीसीआईएस रांची के मुख्य महाप्रबंधक (रोलिंग), डीके जैन, महाप्रबंधकगण पी पाठक, एसके झा और एस श्रीकांत ने भी आरडीसीआईएस और बीएसपी टीम को इस सफलता एवं सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी।

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