भाजपा के यूपी फतह में बसपा का भी रोल! क्या मायावती की रणनीति ने सपा को पहुंचाई चोट?

बताया जा रहा है कि मायावती ने 156 सीटों पर सपा की घेराबंदी की थी। इनमें ज्यादातर सीटें मुस्लिम बाहुल्य वालीं थीं। बसपा ने 91 मुस्लिम एवं 15 यादव उम्मीदवार चुनाव मैदान पर उतारे थे।

नई दिल्ली, 11 मार्च (IP News Election Desk) : देश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले उत्तरप्रदेश में भाजपा की सत्ता बरकरार रहने के पीछे मायावती की बसपा का भी रोल बताया जा रहा है। बसपा की रणनीति कुछ ऐसी थी कि इसका फायदा भाजपा को मिला है और समाजवादी पार्टी को चोट पहुंची है।

बताया जा रहा है कि मायावती ने 156 सीटों पर सपा की घेराबंदी की थी। इनमें ज्यादातर सीटें मुस्लिम बाहुल्य वालीं थीं। बसपा ने 91 मुस्लिम एवं 15 यादव उम्मीदवार चुनाव मैदान पर उतारे थे। सपा के प्रत्येक मुस्लिम प्रत्याशी के समक्ष बसपा ने भी मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा किया। ताकि मुस्लिम मतों का विभाजन किया जा सके।

मायावती ने चुनावी मैदान पर सक्रियता नहीं दिखाई। पार्टी के नेताओं ने भी औपचारिकता के लिए प्रचार किया। कहा जा रहा है कि बसपा का मूल दलित वोट काफी हद तक भाजपा को शिफ्ट हुआ है। मायावती भी अपने बयानों में भाजपा के मुकाबले सपा पर कहीं अधिक आक्रामक रही हैं।

बसपा को 2022 के चुनाव में महज एक सीट पर जीत मिली है। पार्टी का वोट प्रतिशत 12.28 रहा। जबकि 2017 के चुनाव में बसपा को 19 सीटें मिली थीं और मत प्रतिशत 22.23 फीसदी था। 2012 के चुनाव में बसपा ने 80 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2007 में 206 सीटें लेकर मायावती मुख्यमंत्री बनीं थीं।

इधर, राजनीति के क्षेत्र में कहा जा रहा है कि कहीं न कहीं बसपा- भाजपा की चुनाव पूर्व अंडर टेबल डील हुई है। हलांकि भाजपा ने यूपी को दोबारा जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। केन्द्र एवं राज्य के विकास कार्यों को सामने रखा तो ध्रुवीकरण का भी जबरदस्त खेल खेला। यानी साम- दाम- दंड- भेद हर नीति का प्रयोग किया गया।

बहरहाल भाजपा की उत्तरप्रदेश की सत्ता कायम है। योगी आदित्यनाथ दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

सोशल मीडिया पर अपडेट्स के लिए Facebook (https://www.facebook.com/industrialpunch) एवं Twitter (https://twitter.com/IndustrialPunchपर Follow करें …

  • Website Designing