CIL ने कोयला मंत्रालय से कहा- इस कारण 11वें वेतन समझौते को लेकर आगे बढ़ना संभव नहीं, JBCCI की 7वीं बैठक पर ग्रहण!

कोयला कामगारों के वेतन समझौते के लिए गठित जेबीसीसीआई (Joint Bipartite Committee for the Coal Industry) की 7वीं बैठक कब होगी, इसको लेकर उत्सुकता बनी हुई है।

CIL Head Office
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नई दिल्ली, 08 अक्टूबर। कोयला कामगारों के वेतन समझौते के लिए गठित जेबीसीसीआई (Joint Bipartite Committee for the Coal Industry) की 7वीं बैठक कब होगी, इसको लेकर उत्सुकता बनी हुई है। इधर, बताया जा रहा है कि कोल इंडिया (CIL) प्रबंधन द्वारा DPE (Department of Public Enterprises) की गाइडलाइन में छूट को लेकर कोयला मंत्रालय से जवाब आने आने का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही जेबीससीआई की 7वीं बैठक संभव हो सकेगी।

यहां बताना होगा कि जेबीसीसीआई की छह बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन वेतन समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। दरअसल मसला मिनिमम गारंटी बेनिफिट (MGB) पर अटका हुआ है। 6वीं बैठक में प्रबंधन ने अधिकतम 10 फीसदी एमजीबी का प्रस्ताव रखा था और यूनियन ने 30 प्रतिशत एमजीबी की डिमांड रखी थी, लेकिन बात नहीं बन सकी थी और खत्म कर दी गई थी।

जेबीसीसीआई की 6वीं बैठक के पांच दिनों बाद 7 सितम्बर, 2022 को सीआईएल के निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) विनय रंजन ने कोयला मंत्रालय को एक पत्र भेजा। इसमें कोयला मंत्रालय को बताया गया है कि जेबीसीसीआई- XI की छह बैठकें हो चुकी है। प्रबंधन ने पत्र में लिखा है कि जेबीसीसीआई के यूनियन सदस्यों को बताया जा चुका है कि डीपीई के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में निहित प्रावधानों के तहत ही वेतन समझौते को अंतिम रूप दिया जाना है, जैसा कि डीपीई गाइडलाइन के तहत अन्य सीपीएसई में वेतन समझौता होता है।

CIL निदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि जब तक डीपीई की गाइडलाइन में छूट नहीं दी जाती कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को लेकर आगे बढ़ना संभव नहीं है। पत्र में कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन में ओवरलैपिंग की बात भी लिखी गई है। कहा गया है कि ऐसा होने से कामगारों और अधिकारियों के मध्य वेतन संघर्ष की स्थिति निर्मित होगी।

निदेशक ने अपने पत्र में दो अगस्त को कोयला मंत्री के साथ चारों यूनियन लीडर्स की हुई बैठक और इसके बाद कोल सचिव को लिखे गए पत्र का भी जिक्र किया है। इस बैठक में सीटू नेता डीडी रामनंदन ने डीपीई गाइडलाइन में छूट का मुद्दा उठाया था। मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद में 8 अगस्त को एचएमएस, सीटू, एटक के नेता क्रमशः नाथूलाल पांडे, डीडी रामनंदन, रमेन्द्र कुमार ने संयुक्त रूप से डीपीई में छूट को लेकर कोल सचिव को पत्र भेजा था। इस पत्र में बीएमएस पदाधिकारी ने हस्ताक्षर नहीं किए थे।

कोल इंडिया के सूत्रों ने बताया है कि डीपीई गाइडलाइन में छूट को लेकर सीआईएल द्वारा लिखे पत्र का कोयला मंत्रालय से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। कहा जा रहा है कि इस संदर्भ में केयला मंत्रालय के दिशा निर्देश के बाद भी जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक हो सकेगी।

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