पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात करीब 8ः28 मिनट बजे निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे. जानकारी के मुताबिक उनका मोहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल में निधन हुआ। बादल का शव बुधवार सुबह मोहाली से बठिंडा बादल गांव तक अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। पीटीआई के मुताबिक शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता को सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत के बाद एक हफ्ते पहले मोहाली में फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के निधन पर केंद्र सरकार दो दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा करेगी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत चीमा ने बताया कि प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ स्थित सेक्टर 28 में शिरोमणि अकाली दल के मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए सुबह 10 बजे लाया जाएगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ अती से राजपुरा, पटियाला, बरनाला रामपुरा फूल बठिंडा होते हुए बादल गांव ले जाया जाएगा। गुरुवार को दोपहर 1 बजे बादल गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

13 बार लड़ा विधानसभा चुनाव

प्रकाश सिंह बादल 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान, राज्य में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार थे, लेकिन दिवंगत सांसद जगदेव सिंह खुदियान के बेटे गुरमीत सिंह खुदियान से चुनाव हार गए थे। यह बादल का 13वां विधानसभा चुनाव था। चुनाव परिणामों के बाद, बादल राजनीतिक रूप से कम सक्रिय हो गए थे। हालांकि उन्होंने लांबा में अपना थैंक्सगिविंग दौरा शुरू किया था, लेकिन वह भी बीच में ही रद्द कर दिया गया था। गौरतलब है कि बादल इससे पहले भी कई रिकॉर्ड बना चुके थे। 1952 में बादल गांव से चुने जाने पर वह सबसे कम उम्र के सरपंच थे। इसके अलावा, वह 1970 में राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री भी बने। लेकिन साथ ही वह 2012 में सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री भी बने।

5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने

8 दिसंबर, 1927 को पंजाब के फाजिल्का जिले के अबुल खुराना गांव में जन्मे बादल ने आजादी के वर्ष 1947 में शिरोमणि अकाली दल (SAD) पार्टी के सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। बादल अपने राजनीतिक जीवन में पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने पहली बार 1970 से 1971 तक, फिर 1977 से 1980 तक, उसके बाद 1997 से 2002 तक तीसरे कार्यकाल और फिर 2007 से 2012 और 2012 से 2017 तक कुल पांच बार मुख्यमंत्री पद संभाला। वह लोकसभा के सदस्य भी रहे। प्रकाश सिंह बादल 1977 में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सरकार में केंद्रीय कृषि एवं सिंचाई मंत्री भी रहे।

जमींदार परिवार में हुआ था जन्म

बादल का जन्म एक जमींदार किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने लाहौर (अब पाकिस्तान में) में फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से बी.ए. की डिग्री हासिल की थी। राजनीति में उनका पहला प्रवेश 1947 में हुआ जब वे अपने गांव के नेता चुने गए। 1957 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस पार्टी) के सदस्य के रूप में पंजाब विधान सभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने कुछ साल बाद पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ मतभेदों को लेकर पार्टी छोड़ दी और एसएडी में शामिल हो गए।

1967 के राज्य विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 1969 में उन्होंने अपनी सीट जीतकर वापसी की और राज्य की शिअद के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए। एक साल बाद उन्हें मुख्यमंत्री नामित किया गया। हालांकि, उनका कार्यकाल केवल एक वर्ष तक चला. क्योंकि पार्टी अंदरूनी कलह से घिरी हुई थी और सरकार को भंग कर दिया गया था।

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